प्रधानमंत्री को 'जेबकतरा' कहने पर घिरे राहुल गांधी, दिल्ली हाई कोर्ट ने दिए कार्रवाई के निर्देश
क्या है खबर?
कांग्रेस नेता राहुल गांधी अपने बयाने के चलते एक बार फिर मुश्किलों में हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह और कारोबारी गौतम अडाणी को 'जेबकतरे' कहने के लिए दिल्ली हाई कोर्ट ने चुनाव आयोग से राहुल के खिलाफ 'कानून के अनुसार' कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं।
इसके लिए कोर्ट ने चुनाव आयोग को 8 हफ्ते का समय दिया गया है। कोर्ट ने कहा कि ये बयान 'अच्छी भावना' के अनुरूप नहीं थे।
मामला
क्या है मामला?
एक रैली में राहुल ने कहा था, "जेबकतरे कभी अकेले नहीं आते, वे 3 लोग आते हैं। एक सामने से आता है, जो आपका ध्यान भटकाता है। पीछे से दूसरा आता है, वो जेब काट देता है। तीसरा बंदा देखता है कि अगर जिसका जेब कटा, उसने आवाज की तो उस पर आक्रमण कर दे। ध्यान भटकाने वाला नरेंद्र मोदी, जेब काटने वाला अडाणी और बाद में लाठी मारने वाला अमित शाह है।"
कोर्ट
कोर्ट ने क्या कहा?
मामले की सुनवाई कर रही पीठ ने कहा, "चुनाव आयोग मामले की जांच कर रहा है और राहुल गांधी को नोटिस भी जारी किया गया है। यह मानते हुए कि जवाब दाखिल करने की समय सीमा समाप्त हो गई है और कोई जवाब नहीं मिला है, अदालत चुनाव आयोग को मामले में 8 हफ्ते के भीतर तय करने का निर्देश देती है।"
कोर्ट ने चुनाव आयोग को मामले में 'कानून अनुसार' कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं।
नोटिस
चुनाव आयोग ने राहुल को भेजा था नोटिस
इस मामले में 23 नवंबर को चुनाव आयोग ने राहुल को नोटिस भेज जवाब मांगा था।
चुनाव आयोग ने कहा था, "प्रधानमंत्री की तुलना जेबकतरे से करना और पनौती शब्द का इस्तेमाल करना राष्ट्रीय राजनीतिक दल के एक बहुत वरिष्ठ नेता के लिए अशोभनीय है। इसके अलावा भाजपा द्वारा दावा किया गया है कि 9 सालों में 14 लाख करोड़ रुपये की छूट देने का आरोप तथ्यों पर आधारित नहीं है।"
शिकायत
भाजपा ने की थी शिकायत
राहुल के बयान पर भाजपा ने चुनाव आयोग में शिकायत दर्ज कराई थी।
भाजपा ने कहा था, "हम आयोग से अनुरोध करते हैं कि वे राहुल पर उनके लगातार धोखाधड़ी, आधारहीन और अपमानजनक आचरण के लिए उचित कानूनी कार्रवाई करते हुए तत्काल हस्तक्षेप करे।"
भाजपा ने राहुल के उस बयान को भी आधारहीन बताया था, जिसमें उन्होंने कहा था कि सरकार ने उद्योगपतियों को 14 लाख करोड़ रुपये की छूट दी है।