संसद सुरक्षा चूक: आरोपी नीलम को FIR की प्रति देने के खिलाफ हाई कोर्ट पहुंची पुलिस
संसद की सुरक्षा में सेंध से संबंधित मामले में दिल्ली पुलिस आरोपी नीलम आजाद के खिलाफ दिल्ली हाई कोर्ट पहुंची है। समाचार एजेंसी ANI के मुताबिक, पुलिस ने नीलम को FIR की प्रति उपलब्ध कराने के निचली कोर्ट के आदेश को चुनौती देते हुए हाई कोर्ट का रुख किया है। बता दें कि पटियाला हाउस कोर्ट ने गुरुवार को नीलम को परिजनों से मिलने की इजाजत दी थी और पुलिस से उसे FIR की प्रति उपलब्ध कराने को कहा था।
कोर्ट ने दिया था 24 घंटे में FIR उपलब्ध कराने का आदेश
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, पटियाला कोर्ट ने नीलम के परिवार की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए दिल्ली पुलिस को कहा था कि वह 24 घंटे के अंदर FIR की प्रति उपलब्ध कराए। कोर्ट ने यह भी कहा कि आरोपी के पास कानूनी सहायता पाने का अधिकार है और परिजन और वकील उससे हर दूसरे दिन 15 मिनट के लिए मिल सकते हैं। कोर्ट ने मुलाकात के दौरान पुलिस के अधिकारियों को दूरी पर मौजूद रहने को कहा।
दिल्ली पुलिस क्यों कर रही है FIR की प्रति देने का विरोध?
दिल्ली पुलिस नीलम को परिवार से न मिलने देने और FIR की प्रति उपलब्ध न कराने के लिए मामले की संवेदनशीलता का तर्क दे रही है। स्पेशल सेल ने कोर्ट को बताया कि मामला संवेदनशील प्रकृति का है और जांच अभी जारी है। मामले में कुछ आरोपी हिरासत में हैं, जबकि कुछ का पता लगाया जा रहा है। पुलिस का कहना था कि हर स्तर पर सूचना जरूरी है और जानकारी लीक होने से जांच प्रभावित होने का डर है।
कौन हैं नीलम आजाद?
संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान 13 दिसंबर को दर्शक दीर्घा से 2 युवक लोकसभा में कूद गए थे, जिनको गिरफ्तार कर लिया गया। इस दौरान संसद के बाहर नीलम आजाद (42) और अमोल शिंदे (23) ने प्रदर्शन किया और कलर स्मोक उड़ाते गिरफ्तार हुए थे। नीलम हरियाणा के जिंद की रहने वाली हैं। उन्होंने MPhil किया है और वह बेरोजगार हैं। उन्होंने अपनी गिरफ्तारी के दौरान केंद्र सरकार को तानाशाह करार दिया था।