अध्यादेश मामला: अरविंद केजरीवाल ने राहुल गांधी से मिलने का समय मांगा
दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी (AAP) के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी से मुलाकात का समय मांगा है। ये समय दिल्ली में अधिकारियों की पोस्टिंग और ट्रांसफर को लेकर केंद्र सरकार के अध्यादेश के खिलाफ समर्थन जुटाने के लिए मांगा गया है। कांग्रेस की ओर से अभी केजरीवाल के प्रस्ताव पर कोई आधिकारिक जवाब नहीं आया है।
केजरीवाल ने ट्वीट कर दी जानकारी
केजरीवाल ने ट्वीट कर राहुल से समय मांगने की जानकारी दी। ट्वीट में उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार द्वारा पारित अलोकतांत्रिक और असंवैधानिक अध्यादेश के खिलाफ संसद में कांग्रेस का समर्थन लेने और संघीय ढांचे पर हमले और मौजूदा राजनीतिक स्थिति पर चर्चा करने के लिए आज सुबह कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और राहुल से मिलने का समय मांगा है। बता दें कि केजरीवाल अध्यादेश को राज्यसभा में पारित होने से रोकना चाहते हैं।
पहली बार साथ नजर आ सकते हैं केजरीवाल-राहुल
अगर राहुल इस मुलाकात के लिए तैयार होते हैं तो ये पहली बार होगा जब दोनों नेता साथ नजर आएंगे। हालांकि, दोनों नेताओं ने साथ में मंच साझा किया है, लेकिन एक-दूसरे से दूरी बनाए रखी थी। 2018 में एचडी कुमारस्वामी के शपथ ग्रहण समारोह में राहुल और केजरीवाल मंच पर थे, लेकिन अलग-अलग कोने पर बैठे थे। 2018 में ही जंतर-मंतर पर एक विरोध प्रदर्शन में भी दोनों नेता शामिल हुए थे, लेकिन एक-दूसरे से मुलाकात नहीं की थी।
कांग्रेस के लिए धर्म संकट जैसी स्थिति
AAP ने पंजाब, गोवा और गुजरात जैसे राज्यों में कांग्रेस के वोट बैंक में सेंध लगाई है। अजय माकन समेत कांग्रेस के कई नेता AAP को समर्थन देने के खिलाफ हैं। हाल ही में कांग्रेस ने कर्नाटक में शपथ ग्रहण समारोह में केजरीवाल को आमंत्रित नहीं किया था। इन सब बातों के मद्देनजर AAP को समर्थन देना कांग्रेस के लिए धर्म संकट के समान है। हालांकि, अगर कांग्रेस समर्थन देती है तो विपक्षी एकता के लिए ये बड़ी कामयाबी होगी।
अध्यादेश पर विपक्षी पार्टियों को एकजुट कर रहे हैं केजरीवाल
केजरीवाल बीते कुछ दिनों से अध्यादेश के खिलाफ विपक्षी पार्टियों को एकजुट करने में जुटे हैं। वे बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, महाराष्ट्र में शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे और शरद पवार से मुलाकात कर चुके हैं। इसी कड़ी में केजरीवाल ने राहुल से मिलने के लिए समय मांगा है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, अध्यादेश को लेकर कांग्रेस संसद में केजरीवाल का साथ दे सकती है। हालांकि, कांग्रेस ने इनका खंडन किया है।
क्या है मामला?
सुप्रीम कोर्ट की संवैधानिक पीठ ने 11 मई को अधिकारियों के ट्रांसफर और पोस्टिंग से जुड़े अधिकार दिल्ली सरकार को दे दिए थे। इसके बाद मामले में केंद्र ने 19 मई को राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली (संशोधन) अध्यादेश, 2023 जारी किया। इसके तहत दिल्ली में नौकरशाहों की ट्रांसफर और पोस्टिंग के लिए दिल्ली के मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में एक राष्ट्रीय राजधानी सिविल सेवा प्राधिकरण बनाया गया है, जिसमें दिल्ली सरकार के मुख्य सचिव और प्रमुख गृह सचिव भी होंगे।