सुप्रीम कोर्ट का राज्यों को आदेश, 3 महीने में प्रवासी मजदूरों को उपलब्ध कराएं राशन कार्ड
क्या है खबर?
सुप्रीम कोर्ट ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से कहा है कि जिन प्रवासी मजदूरों ने सरकारी पोर्टल ई-श्रम पर अपना पंजीकरण कराया है, उनको 3 महीने के अंदर राशन कार्ड उपलब्ध कराया जाए।
इसके साथ ही कोर्ट ने प्रवासी मजदूर को राशन कार्ड देने के लिए व्यापक प्रचार कराने को कहा है, ताकि उनको खाद्य सुरक्षा अधिनियम का लाभ मिल सके।
कोर्ट का यह आदेश याचिकाकर्ता अंजलि भारद्वाज, हर्ष मंदर और जगदीप छोक्कर की याचिका पर आया है।
फैसला
28.86 करोड़ श्रमिकों ने कराया पंजीकरण
केंद्र सरकार ने बताया कि ई-श्रम पोर्टल पर 28.86 करोड़ श्रमिकों ने मदद के लिए पंजीकरण कराया है। 24 राज्यों और उनके श्रम विभागों के बीच आंकड़ों का आदान-प्रदान किया जा रहा है। इसमें लगभग 20 करोड़ लोग खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत लाभार्थी हैं।
सुप्रीम कोर्ट ने 17 अप्रैल को कहा था कि राज्य इस आधार पर प्रवासी मजदूरों को राशन कार्ड देने से मना नहीं कर सकते कि खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत जनसंख्या का अनुपात सही नहीं।