केजरीवाल सरकार को मिल सकते हैं 2 नये मंत्री, सौरभ और आतिशी के नाम की सिफारिश
दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया और मंत्री सत्येंद्र जैन के इस्तीफे के बाद अरविंद केजरीवाल सरकार को दो नए मंत्री मिल सकते हैं। दिल्ली सरकार के मंत्रिमंडल में सौरभ भारद्वाज और आतिशी को जिम्मेदारी दी जा सकती है। सिसोदिया और जैन के इस्तीफों के बाद से ही इस बात की अटकलें तेज थीं। केजरीवाल ने उनके नाम की सिफारिश कर दी है, जिसके बाद उपराज्यपाल ने उनके नामों को राष्ट्रपति के पास भेज दिया है।
पहले भी मंत्री रह चुके हैं सौरभ भारद्वाज
सौरभ भारद्वाज दिल्ली की ग्रेटर कैलाश विधानसभा सीट से साल 2013 में भाजपा के उम्मीदवार अजय कुमार मल्होत्रा को हराकर आम आदमी पार्टी (AAP) के विधायक बने थे। उन्हें पहली AAP सरकार में परिवहन मंत्री बनाया गया था, लेकिन यह सरकार केवल 49 दिन ही चल पाई थी। सौरभ लगातार तीन बार ग्रेटर कैलाश सीट से विधायक चुन गए हैं और अब 9 साल बाद वह केजरीवाल सरकार में दोबारा मंत्री बनने की कगार पर हैं।
पेशे से सॉफ्टवेयर इंजीनियर हैं सौरभ
12 दिसंबर, 1979 को दिल्ली में सौरभ का जन्म हुआ और उनकी प्राथमिक और स्कूली शिक्षा भी दिल्ली में हुई। उन्होंने साल 2003 में इंद्रप्रस्थ यूनिवर्सिटी के भारतीय विद्या पीठ कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग से कंप्यूटर साइंस में स्नातक किया और फिर उस्मानिया यूनिवर्सिटी से लॉ की पढ़ाई की है। सौरभ ने बतौर सॉफ्टवेयर इंजीनियर पहले गुरुग्राम स्थित एक कंपनी और फिर विदेश में भी नौकरी की थी। अन्ना हजारे के आंदोलन के दौरान वह अरविंद केजरीवाल के साथ जुड़े थे।
आतिशी पहली बार बन सकती हैं मंत्री
आतिशी दिल्ली की कालकाजी विधानसभा सीट से साल 2020 में पहली बार AAP की विधायक बनीं और पहली बार विधायक बनने के बाद अब कैबिनेट मंत्री भी बन सकती हैं। केजरीवाल सरकार के साथ आतिशी लंबे समय से काम कर रही हैं और वह दिल्ली के उपमुख्यमंत्री सिसोदिया की सलाहकार भी रह चुकी हैं। दिल्ली के सरकारी स्कूलों की शिक्षा व्यवस्था में हुए आमूलचूल परिवर्तन में आतिशी ने अहम भूमिका निभाई है।
आतिशी राजनीति में आने से पहले थीं शिक्षिका
आतिशी का जन्म 8 जून, 1981 को दिल्ली में ही हुआ था। आतिशी ने स्प्रिंगडेल स्कूल से पढ़ाई की और फिर सेंट स्टीफेंस कॉलेज से स्नातक किया। उन्होंने दिल्ली यूनिवर्सिटी से पढ़ाई पूरी करने के बाद ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी से परास्नातक की पढ़ाई पूरी की। उनके पिता दिल्ली यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर थे। पहले आतिशी एक शिक्षिका थीं और वह आंध्र प्रदेश के ऋषि वैली स्कूल में इतिहास पढ़ाती थीं। 2013 में वह AAP के साथ जुड़ीं।
दोनों पूर्व मंत्रियों पर लगे हैं भ्रष्टाचार के आरोप
दिल्ली के उपमुख्यमंत्री सिसोदिया को बीती 26 फरवरी को कथित शराब नीति घोटाले में केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने पूछताछ के बाद गिरफ्तार कर लिया था और वह 4 मार्च तक CBI की रिमांड में हैं। इसके अलावा मंत्री जैन को पिछले साल 30 मई को प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में गिरफ्तार किया था और पिछले नौ महीनों से वो जेल में हैं। बीते मंगलवार को दोनों मंत्रियों ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया था।
मुख्यमंत्री केजरीवाल ने इस्तीफे किये स्वीकार
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने उपमुख्यमंत्री सिसोदिया और मंत्री जैन के इस्तीफे स्वीकार कर लिए थे। दिल्ली सरकार में सिसोदिया शिक्षा समेत करीब 18 विभाग संभाल रहे थे, जबकि जैन स्वास्थ्य मंत्री थे। AAP के राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने सिसोदिया और जैन के इस्तीफे पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा था कि दोनों मंत्री बेकसूर हैं और उन पर लगे आरोप फर्जी और बेबुनियाद हैं। हालांकि, विपक्षी पार्टियों ने मंत्रियों के इस्तीफे के बाद मुख्यमंत्री के इस्तीफे की मांग की है।