महाराष्ट्र का सियासी संकट: संजय राउत की बागी विधायकों को चुनौती, कहा- मुंबई आकर दिखाएं
महाराष्ट्र सरकार में मंत्री और शिवसेना नेता एकनाथ शिंदे की बगावत से राज्य में उपजे सियासी संकट के बीच पार्टी के वरिष्ठ नेता संजय राउत ने शुक्रवार को सभी बागी विधायकों को नई चुनौती दी है। उन्होंने कहा कि बागियों को वापस लौटने के लिए समय दिया गया था, लेकिन वह नहीं आए। अब पार्टी लड़ने को तैयार है और वह बागियों को वापस मुंबई लौटने की चुनौती देते हैं। बता दें कि महाराष्ट्र में लगातार हालात बिगड़ रहे हैं।
राउत ने शरद पवार से मुलाकात के बाद दिया बयान
राउत ने मुंबई के वाईबी चव्हाण केंद्र में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) प्रमुख शरद पवार से मुलाकात कर बिगड़े हालातों पर चर्चा की और सरकार बचाने की रणनीति बनाई। इसके बाद उन्होंने कहा, "शिंदे और उनके समर्थक विधायकों ने गलत कदम उठाया है। हमने उन्हें वापस लौटने का समय दिया था, लेकिन उन्होंने नहीं सुनी। अब हम लड़ने के लिए तैयार हैं। बागियों को चुनौती है कि वह मुंबई लौटे और बहुमत साबित करके दिखाए।"
जीतेंगे सड़क से सदन तक की लड़ाई- राउत
राउत ने कहा, "अब हम कानूनी ही नहीं, बल्कि अन्य सभी विकल्पों पर विचार कर रहे हैं। हम सड़क से लेकर सदन तक की लड़ाई जीतेंगे।हमें पूरा यकीन है कि हमारी महा विकास अघाड़ी (MVA) सरकार अगले ढाई साल का कार्यकाल भी पूरा करेगी। इतना ही उसके बाद भी महाराष्ट्र में MVA की सरकार ही आएगी।" बता दें कि राउत ने गुरुवार को बागियों के 24 घंटे में वापस लौटने पर MVA गठबंधन छोड़ने का बयान दिया था।
राउत के बयान के बाद भी कांग्रेस और NCP ने दिया था समर्थन
राउत के बागियों के लौटने पर MVA छोड़ने का बयान देने के बाद भी कांग्रेस और NCP ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को अपना समर्थन दिया था। महाराष्ट्र कांग्रेस के प्रमुख नाना पटोले ने कहा था कि उनकी पार्टी MVA को बाहर से भी समर्थन दे सकती है। इसी तरह अजीत पवार ने भी ठाकरे को समर्थन देने का वादा किया था। दोनों नेताओं ने कहा कि शिवसेना के किसी अन्य पार्टी से गठबंधन करने पर उन्हें कोई समस्या नहीं है।
राउत ने केंद्रीय मंत्री पर लगाया शरद पवार को धमकाने का आरोप
इससे पहले सुबह राउत ने दावा किया था कि एक केंद्रीय मंत्री NCP के मुखिया शरद पवार को धमका रहा है। उनका कहना है कि यदि वह MVA को बचाने की कोशिश करते हैं तो उन्हें घर तक नहीं पहुंचने दिया जाएगा। मामले में राउत ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से पूछा है कि क्या वे ऐसी धमकियों का समर्थन करते हैं। उन्होंने कहा कि पवार के खिलाफ ऐसी भाषा का प्रयोग अस्वीकार्य है।
बागी विधायकों के खिलाफ कार्रवाई के मूड में है शिवसेना
इधर, विधायकों की बगावत के बाद शिवसेना ने बागियों के खिलाफ कार्रवाई का मूड बना लिया है। पार्टी की ओर से राज्यसभा सांसद अनिल देसाई ने गुरुवार शाम को विधानसभा पहुंचकर डिप्टी स्पीकर के समक्ष याचिका दायर कर 12 विधायकों को अयोग्य ठहराने की मांग की थी। इसके अलावा शुक्रवार को भी पार्टी ने चार और बागियों को अयोग्य ठहराने की मांग की है। ऐसे में डिप्टी स्पीकर बागी विधायकों को जल्द ही नोटिस भेज सकते हैं।
वर्तमान में क्या है महाराष्ट्र के हालात?
महाराष्ट्र में उद्धव ठाकरे की सरकार गिरना लगभग तय है। गुवाहाटी में बैठे बागी एकनाथ शिंदे ने 49 विधायकों के समर्थन का दावा किया है। इसमें शिवसेना के 42 और सात निर्दलीय विधायक बताए जा रहे हैं। इसी तरह 37 बागियों ने शुक्रवार को राज्यपाल और डिप्टी स्पीकर को पत्र लिखकर शिंदे को अपना नेता बताया है। बता दें कि यदि शिंदे 37 विधायकों के साथ दूसरी पार्टी में जाते हैं तो उन पर दल बदल कानून लागू नहीं होगा।