अग्निवीरों को पेंशन नहीं मिलेगी तो मैं भी पेंशन छोड़ने को तैयार- भाजपा सांसद वरुण गांधी
भारतीय सेना की तीनों कमानों में भर्ती के लिए केंद्र सरकार की अग्निपथ योजना पर विपक्ष लगातार हमलावर बना हुआ है। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सांसद वरुण गांधी ने भी अग्निवीरों के लिए पेंशन का प्रावधान नहीं होने के कारण इस योजना पर सवाल खड़े किए हैं। उन्होंने कहा है कि अगर अग्निवीरों को पेंशन नहीं मिलेगी तो वह भी पेंशन छोड़ने को तैयार हैं। उन्होंने और क्या-क्या कहा, आइए जानते हैं।
वरूण का सवाल- जब अग्निवीरों को नहीं तो जनप्रतिनिधियों को क्यों मिल रही पेंशन
अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से ट्वीट कर पीलीभीत से भाजपा सांसद वरुण गांधी ने कहा, 'अल्पावधि की सेवा करने वाले अग्निवीर पेंशन के हकदार नही हैं तो जनप्रतिनिधियों को यह 'सहूलियत' क्यूं? राष्ट्ररक्षकों को पेंशन का अधिकार नही है तो मैं भी खुद की पेंशन छोड़ने को तैयार हूं। क्या हम विधायक/सांसद अपनी पेंशन छोड़ यह नहीं सुनिश्चित कर सकते कि अग्निवीरों को पेंशन मिले?'
वरुण ने पहले भी उठाए थे योजना पर सवाल
वरुण गांधी ने इससे पहले भी अग्निपथ योजना पर सवाल खड़े करते हुए कहा था कि इससे युवाओं में असंतोष पैदा होगा। उन्होंने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से योजना पर अपना रुख स्पष्ट करने की बात भी कही थी। वरुण ने रिटायरमेंट के बाद सरकारों के अग्निवीरों को नौकरी देने की मंशा पर भी संदेह जताया था। वरुण हालिया समय में अन्य कई मुद्दों पर भी अपनी ही सरकार का विरोध कर चुके हैं।
क्या है अग्निपथ योजना?
14 जून को लाई गई अग्निपथ योजना तीनों सेनाओं के लिए एक अखिल भारतीय योग्यता-आधारित भर्ती प्रक्रिया है। इसमें युवाओं को सैन्य बलों के नियमित कैडर में सेवा करने का मौका दिया जाएगा। इस योजना के तहत भर्ती होने वाले युवाओं को 'अग्निवीर' कहा जाएगा। इसके तहत युवाओं को चार साल के लिए सेना में सेवा का अवसर मिलेगा। चार साल बाद इनमें से 75 प्रतिशत अग्निवीरों को बिना किसी पेंशन के पद से मुक्त कर दिया जाएगा।
योजना के विरोध में देश में हो रहे है प्रदर्शन
योजना के तहत भर्ती होने वाले युवाओं को न ही स्थायी नौकरी मिलेगी और न ही उन्हें पेंशन मिलेगी। हालांकि उन्हें चार साल बाद लगभग 11 लाख की राशि दी जाएगी। दो साल से कोविड-19 के कारण सेना में भर्ती भी ठप थीं। इन सभी कारणों से योजना के खिलाफ देशभर में प्रदर्शन हो रहे हैं। हालांकि सेना ने साफ कर दिया है कि इस योजना को वापस नहीं लिया जाएगा और सारी सैन्य भर्तियां इसी के माध्यम से होंगी।
सरकारों और कंपनियों का नौकरियों में अग्निवीरों को प्राथमिकता देने का ऐलान
युवाओं के विरोध के बीच सरकार ने विभिन्न विभागों में अग्निवीरों के लिए कुछ पद आरक्षित करने का ऐलान किया है। केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (CAPF) और असम राइफल्स में 10 प्रतिशत नौकरियां अग्निवीरों के लिए आरक्षित करने का ऐलान किया गया है। रक्षा विभाग में भी उनके लिए 10 प्रतिशत नौकरियां आरक्षित होंगी। राज्य सरकारों ने भी ऐसे ऐलान किए हैं, वहीं आनंद महिंद्रा और रामप्रसाद गोयनका समूह आदि ने भी अग्निवीरों को प्राथमिकता देने की बात कही है।