किसानों के साथ बैठक से पहले कृषि मंत्री बोले- MSP पर लिखित आश्वासन देने को तैयार
शनिवार को किसानों के साथ पांचवें दौर की बैठक से ठीक पहले केंद्र सरकार ने न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर लिखित आश्वासन देने को तैयार होने की बात कही है। केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर ने कहा है कि अगर किसान चाहें तो वह उन्हें न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर लिखित आश्वासन देने को तैयार है। बता दें कि प्रदर्शनकारी किसानों की एक बड़ी चिंता यही है कि नए कानूनों के बाद धीरे-धीरे MSP को खत्म कर दिया जाएगा।
कृषि मंत्री बोले- MSP को खत्म किए जाने पर किसानों का डर निराधार
न्यूज 18 से बात करते हुए तोमर ने कहा कि MSP को खत्म किए जाने पर किसानों का डर निराधार है। उन्होंने कहा, "मैं किसानों को आश्वासन देता हूं कि MSP में कोई बदलाव नहीं होगा। अगर संगठन चाहते हैं तो हम ये लिखित में देने को तैयार हैं। कृषि उपज मंडी समिति (APMC) भी हमारी प्राथमिकता है।" उन्होंने कहा, "हम बातचीत के जरिए समाधान चाहते हैं। हम गतिरोध को खत्म करने की तरफ बढ़ रहे हैं।"
किसानों ने 8 दिसंबर को बुलाया है भारत बंद
कृषि मंत्री की तरफ से ये बात ऐसे समय पर कही गई है जब किसान संगठन 8 दिसंबर को भारत बंद और दिल्ली के सभी रास्ते बंद करने का आह्वान कर चुके हैं। शुक्रवार को इसका ऐलान करते हुए भारतीय किसान यूनियन (BKU) ने कहा, "5 दिसंबर को पूरे देश में मोदी सरकार और कॉर्पोरेट घरानों के पुतले फूंके जाएंगे। 7 दिसंबर को सभी वीर अपने मेडल वापस करेंगे। 8 दिसंबर को हमने भारत बंद का आह्वान किया है।"
गणतंत्र दिवस परेड में हो किसानों की भागीदारी- टिकैत
भारत बंद के आह्वान के साथ-साथ दिल्ली-गाजियाबाद बॉर्डर पर किसान प्रदर्शनों का नेतृत्व कर रहे BKU प्रवक्ता राकेश टिकैत ने गणतंत्र दिवस के मौके पर राजपथ पर होने वाली परेड में किसानों की भागीदारी की मांग की है। उन्होंने कहा कि इस बार 26 जनवरी की परेड में किसानों के पूरे सिस्टम को शामिल किया जाए। ट्रैक्टर उबड़-खाबड़ जमीन पर ही चला है, उसे भी राजपथ की मखमली सड़क पर चलने का मौका मिलना चाहिए।
8 दिसंबर को हड़ताल का आह्वान कर चुके हैं ट्रांसपोर्टर
इससे पहले लाखों ट्रक वालों का प्रतिनिधित्व करने वाली ऑल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस (AIMTC) भी 8 दिसंबर को किसानों के समर्थन में हड़ताल करने की धमकी दे चुकी है। AIMTC के प्रमुख कुलतरण सिंह अटवाल ने कहा था कि अगर किसानों की मांगें नहीं मानी गई तो ट्रांसपोर्टर 8 दिसंबर से उत्तर भारत में अपना संचालन बंद कर देंगे। इसके बाद भी सरकार मांग नहीं मानती है तो पूरे देश में चक्का जाम कर ट्रक रोक दिए जाएंगे।
क्या है कृषि कानूनों का पूरा मामला?
मोदी सरकार कृषि क्षेत्र में सुधार के लिए तीन कानून लेकर लाई है जिनमें सरकारी मंडियों के बाहर खरीद के लिए व्यापारिक इलाके बनाने, अनुबंध खेती को मंजूरी देने और कई अनाजों और दालों की भंडारण सीमा खत्म करने समेत कई प्रावधान किए गए हैं। पंजाब और हरियाणा समेत कई राज्यों के किसान इन कानूनों का जमकर विरोध कर रहे हैं। उनका कहना है कि इनके जरिये सरकार मंडियों और न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) से छुटकारा पाना चाहती है।