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कृषि कानून: रेलवे परिसरों से धरने हटाएंगे किसान संगठन, मालगाड़ियों के संचालन के लिए उठाया कदम

कृषि कानून: रेलवे परिसरों से धरने हटाएंगे किसान संगठन, मालगाड़ियों के संचालन के लिए उठाया कदम

Nov 05, 2020
12:52 pm

क्या है खबर?

पंजाब में नए कृषि कानूनों का विरोध कर रहे किसान संगठन बुधवार को रेलवे परिसरों से अपने धरने प्रदर्शन हटाने को राजी हो गए हैं। इससे पहले रेलवे ने दावा किया था कि पंजाब में रेल रोको प्रदर्शनों के कारण उसे 1,200 करोड़ रुपये का नुकसान हो चुका है। किसानों ने कहा कि केंद्र सरकार के दबाव के आगे झुककर विरोध प्रदर्शनों को पूरी तरह खत्म नहीं किया जाएगा और केवल मालगाड़ियों के लिए पटरियों को खाली किया गया है।

विवाद की वजह

क्या है कृषि कानूनों का मुद्दा?

दरअसल, मोदी सरकार कृषि क्षेत्र में सुधार के लिए तीन कानून लेकर लाई है जिनमें सरकारी मंडियों के बाहर खरीद के लिए व्यापारिक इलाके बनाने, अनुबंध खेती को मंजूरी देने और कई अनाजों और दालों की भंडार सीमा खत्म करने समेत कई प्रावधान किए गए हैं। पंजाब और हरियाणा समेत कई राज्यों के किसान इन कानूनों का जमकर विरोध कर रहे हैं। उनका कहना है कि इनके जरिये सरकार मंडियों और न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) से छुटकारा पाना चाहती है।

आवाजाही प्रभावित

पटरियां जाम होने के कारण ट्रेनों के संचालन पर लगी थी रोक

राज्य के किसानों ने इन कानूनों के विरोध में कई जगहों पर रेलवे पटरियों को जाम कर दिया था। इसे देखते हुए रेलवे ने पंजाब में मालगाड़ियों के संचालन पर रोक लगा दी थी। यह रोक 7 नवंबर तक जारी रहेगी। पंजाब के मुख्यमंत्री ने कहा था कि मालगाड़ियां बंद होने से कोयले की किल्लत हो गई है और थर्मल प्लांट बंद होने की कगार पर पहुंच चुके हैं। साथ ही अन्य सामानों का संकट भी पैदा हो गया था।

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जानकारी

मंत्रियों की समिति ने की थी किसान संगठनों से अपील

इसके बाद पंजाब के मंत्रियों की एक समिति ने किसान संगठनों से ट्रेनों का संचालन होने देने की अपील की थी। इस पर किसान रेलवे परिसरों को खाली करने पर सहमत हो गए, लेकिन उन्होंने कहा कि पैसेंजर ट्रेनों का संचालन नहीं होने दिया जाएगा।

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बयान

रेलवे परिसरों से हटे, लेकिन प्रदर्शन जारी रहेगा- सिंह

चंडीगढ में किसान संगठनों की बैठक के बाद पत्रकारों से बात करते हुए किसान नेता जगमोहन सिंह ने कहा, "हम प्लेटफॉर्म से हटने को तैयार हुए हैं, लेकिन धरना खत्म नहीं करेंगे। हम स्टेशन से थोड़ी दूर विरोध प्रदर्शन करेंगे। केवल मालगाड़ियों के लिए छूट दी गई है। पैसेंजर ट्रेन के लिए कोई छूट नहीं मिली है।" वहीं भारतीय किसान यूनियन उगराहां के एक महासचिव सुखदेव सिंह ने रेलवे पर गलत तस्वीर पेश करने का आरोप लगाया है।

जानकारी

थर्मल प्लांट वाली पटरियों पर जमे हैं किसान

सिंह ने कहा कि रेलवे किसान आंदोलन की गलत छवि पेश कर रहा है। उन्होंने कहा, "हमारा संगठन दो जगहों पर रेलवे पटरियों पर धरना दे रहा है, लेकिन ये पटरियां सिर्फ थर्मल प्लांट के लिए इस्तेमाल होती हैं। बाकी की मुख्य लाइनें खुली हैं।"

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