शादी के मकसद से धर्म-परिवर्तन रोकने के लिए कानून लाएगी कर्नाटक सरकार- पर्यटन मंत्री सीटी रवि
हरियाणा, उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश के बाद अब कर्नाटक सरकार भी 'लव जिहाद' के खिलाफ कानून बनाने पर विचार कर रही है। राज्य के पर्यटन मंत्री और भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव सीटी रवि ने मंगलवार को कहा कि शादी के लिए धर्म परिवर्तन पर रोक लगाने के लिए नया कानून बनाया जाएगा। उन्होंने कहा कि जब कोई जिहादी महिला की इज्जत से छेड़छाड़ करेगा तो सरकार चुप नहीं रहेगी।" आइये, यह पूरी खबर जानते हैं।
धर्म परिवर्तन के कामों में शामिल लोगों को गंभीर सजा मिलेगी- रवि
रवि ने मंगलवार को ट्विटर पर लिखा कि इलाहाबाद हाई कोर्ट के आदेश को मानते हुए कर्नाटक सरकार शादी के लिए धर्म परिवर्तन पर रोक लगाने के लिए कानून लाएगी। उन्होंने आगे लिखा, 'जब जिहादी हमारी बहनों की इज्जत के साथ खिलवाड़ करते हैं तो हम चुप नहीं रह सकते। धर्म परिवर्तन के कामों में शामिल लोगों को गंभीर सजा भुगतनी होगी।' अंग्रेजी में किया गया उनका यह ट्वीट आप नीचे देख सकते हैं।
यहां देखिये रवि का ट्वीट
इलाहाबाद हाई कोर्ट ने क्या टिप्पणी की थी?
रवि का यह बयान इलाहाबाद हाई कोर्ट के उस आदेश के बाद आया है, जिसमें अदालत ने कहा था कि शादी के लिए किया गया धर्म परिवर्तन गैर-कानूनी है। एक नव दंपत्ति की याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने यह टिप्पणी की थी। इसी के साथ कोर्ट ने यह याचिका खारिज कर दी। दंपत्ति ने कोर्ट से पुलिस और महिला के परिवारजनों को उनके वैवाहिक जीवन में दखल न देने का आदेश देने की मांग की थी।
हरियाणा, उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश भी कह चुके कानून बनाने की बात
कर्नाटक से पहले हरियाणा, उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री भी 'लव जिहाद' के खिलाफ कानून बनाने की बात कह चुके हैं। हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने तो यहां तक कहा था कि केंद्र सरकार भी इस मामले में कानून बनाने पर विचार कर रही है। खट्टर से पहले हरियाणा के गृह मंत्री अनिल विज ने कहा था कि युवा लड़कियों को बचाने के लिए 'लव जिहाद' के खिलाफ कानून लाने की जरूरत है।
'लव जिहाद' का मतलब क्या होता है?
जानकारी के लिए बता दें कि लव जिहाद शब्द का इस्तेमाल दक्षिणपंथी संगठन अंतर-धार्मिक शादी के लिए करते हैं। इसमें उनका आरोप होता है कि मुस्लिम पुरुष से शादी कराने के लिए महिला को बहला-फुसलाकर या जबरन धर्म-परिवर्तन किया जाता है। हालांकि, केंद्र सरकार ऐसी किसी शब्दावली को नहीं मानती। सरकार ने संसद को बताया था कि मौजूदा कानूनों में 'लव जिहाद' को परिभाषित नहीं किया गया है। और किसी केंद्रीय एजेंसी के सामने ऐसा कोई मामला नहीं आया है।