सुप्रीम कोर्ट ने माल्या के प्रत्यर्पण मामले में केंद्र सरकार से छह सप्ताह में मांगी रिपोर्ट
भगौड़े शराब करोबारी विजय माल्या को ब्रिटेन हाईकोर्ट द्वारा गत मई में प्रत्यर्पण के खिलाफ दायर याचिका खारिज किए जाने के बाद भी भारत नहीं लाया जा सका है। इसको लेकर अब सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से जवाब मांगते हुए छह सप्ताह में मामले की स्टेटस रिपोर्ट प्रस्तुत करने का आदेश दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने माल्या के खिलाफ चल रही अवमानना कार्यवाही के दौरान सोमवार को यह आदेश दिया है। मामले की अगली सुनवाई जनवरी में होगी।
अप्रैल में खारिज हुई थी प्रत्यर्पण के खिलाफ याचिका
गत 20 अप्रैल को इंग्लैंड और वेल्स हाईकोर्ट ने माल्या की प्रत्यर्पण के खिलाफ दायर याचिका को खारिज कर दिया था। उसके बाद माल्या ने सुप्रीम कोर्ट में अपील दायर करने की अनुमति लेने वाली याचिका दाखिल की थी, लेकिन गत 14 मई को हाईकोर्ट ने उस अपील को भी खारिज कर दिया था। उसके बाद माल्या के प्रत्यर्पण का रास्ता साफ हो गया था, लेकिन जून में ब्रिटिश हाई कमीशन ने गोपनीय कानूनी मुद्दा बताकर मामला अटका दिया था।
पिछली सुनवाई के केंद्र ने दी भी गुप्त कार्रवाई चलने की जानकारी
अवमानना मामले में गत 5 अक्तूबर को सुप्रीम कोर्ट में हुई सुनवाई में विदेश मंत्रालय ने अदालत को बताया था कि भगोड़े कारोबारी के प्रत्यर्पण का आदेश ब्रिटेन की सर्वोच्च अदालत ने दिया था, लेकिन इसका कोई असर नहीं हुआ है। केंद्र का कहना था कि उसे ब्रिटेन में चल रही गुप्त कार्यवाही की जानकारी नहीं है, जिसके कारण माल्या के प्रत्यर्पण में देरी हो रही है। इस पर अदालत ने मामले की स्थिति स्पष्ट करने को कहा था।
सुप्रीम कोर्ट ने माल्या के वकील को लगाई थी फटकार
पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने माल्या के वकील से पूछा था कि माल्या मामले में कब पेश हो सकते हैं। अदालत ने यह भी जानना चाहा था कि मामले में क्या हो रहा है और प्रत्यर्पण में क्या बाधा है। उस दौरान वकील के स्पष्ट जवाब नहीं देने पर कोर्ट ने उसे फटकार लगाई थी और कहा था कि वह 2 नवंबर तक बताएं कि माल्या कब अदालत में पेश हो सकता है और गोपनीय कार्यवाही कब समाप्त होगी।
सुप्रीम कोर्ट ने अब केंद्र से मांगी स्टेटस रिपोर्ट
मामले में सोमवार को जस्टिस यूयू ललित और अशोक भूषण की पीठ ने सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता से कहा कि वह माल्या को भारत को प्रत्यर्पित किए जाने संबंधी यूनाइटेड किंगडम में लंबित कार्रवाई पर छह हफ्ते के अंदर स्टेटस रिपोर्ट प्रस्तुत करें। ऐसे में अब मामले की अगली सुनवाई अगले साल जनवरी के पहले सप्ताह में होगी। इसके अलावा कोर्ट ने माल्या के वकील को भी उसके कोर्ट में प्रस्तुत होने की स्थिति स्पष्ट करने को कहा है।
भारत ने दिसंबर 2018 में की थी माल्या के प्रत्यर्पण की मांग
भारत ने दिसंबर 2018 में माल्या पर साल 2009 में लोन लेने के दौरान अपनी कंपनियों के लाभ में होने की जानबूझकर गलत जानकारी देने का आरोप लगाते हुए उसके प्रत्यर्पण की मांग की थी। स्कॉटलैंड यार्ड ने 18 अप्रैल 2018 को उसके खिलाफ प्रत्यर्पण वारंट जारी किया था और तभी से वह जमानत पर चल रहा है। माल्या मार्च 2016 से भारत से फरार हो गया था और वह तब से ही यूनाइटेड किंगडम में रह रहा है।