
जानिए क्या होता है न्यूनतम समर्थन मूल्य और किसानों को कैसे मिलता है इसका फ़ायदा
क्या है खबर?
केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने किसानों को दिवाली से पहले एक बड़ा तोहफ़ा दिया है।
बुधवार को हुई केंद्रीय मंत्रीमंडल की बैठक में सरकार ने चालू वर्ष 2019-20 (जुलाई-जून) की आगामी रबी सीज़न की फ़सलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य यानी (MSP) बढ़ाने का फ़ैसला लिया है।
MSP बढ़ने से किसानों को बड़ा फ़ायदा होगा।
ऐसे में आज आइए जानते हैं न्यूनतम समर्थन मूल्य क्या होता है और किसानों को इसका फ़ायदा कैसे मिलता है।
जानकारी
क्या है रबी सीज़न की फ़सल?
अक्टूबर से मार्च के बीच होने वाली सभी फ़सलों को रबी सीज़न की फ़सल कहा जाता है। मार्च एवं अप्रैल माह में रबी फ़सलों की कटाई की जाती है। इस दौरान फ़सलों को सिंचाई के लिए कम पानी की आवश्यकता होती है।
वृद्धि
CCAI की बैठक में लिया गया MSP की वृद्धि का फ़ैसला
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में मंत्रीमंडल की आर्थिक मामलों की समिति (CCAI) की बैठक में यह फ़ैसला लिया गया।
रबी फ़सलों के MSP में वृद्धि की सिफ़ारिश कृषि लागत एवं मूल्य आयोग (CACP) ने की थी।
इस बैठक से किसानों को काफ़ी उम्मीद थी और उन्हें राहत भी मिल गई।
ख़बरों के अनुसार, गेहूँ का MSP 85 रुपये/क्विंटल बढ़ाया गया है, वहीं दालों के MSP में 325 रुपये की बढ़ोतरी हुई है।
जानकारी
क्या है न्यूनतम समर्थन मूल्य?
किसानों को उसकी फ़सल की लागत से ज़्यादा मूल्य मिले, इसके लिए भारत सरकार देशभर में न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) तय करती है। ख़रीदार नहीं मिलने पर सरकार MSP पर किसानों से फ़सल ख़रीद लेती है।
निर्धारण
कैसे तय होता है MSP और कैसे मिलता है किसानों को फ़ायदा?
भारत सरकार कृषि लागत और मूल्य आयोग (CACP) की सिफ़ारिश पर कुछ फ़सलों की बुवाई सत्र से पहले ही MSP की घोषणा करती है।
इससे किसानों को यह सुनिश्चित किया जाता है कि बाज़ार में उनकी फ़सल की क़ीमतें गिरने के बावजूद सरकार उन्हें तय MSP देगी।
बता दें कि MPS निर्धारित करते समय उत्पादक की लागत, मूल्यों में परिवर्तन, इनपुट-आउटपुट में समानता, माँग-आपूर्ति जैसी कई बातों का ध्यान रखना पड़ता है।
जानकारी
MSP से कई बार किसानों को होता है नुकसान
कृषि जानकारों का मानना है कि MSP तय करने की प्रक्रिया में कई कमियाँ हैं, जिसका किसानों को नुकसान उठाना पड़ता है। ये कारण खेती, जलवायु, मिट्टी आदि की विविधता से उपजती है।
फ़सल
वर्तमान समय में इन फ़सलों के लिए तय है MSP
जिन फ़सलों पर MSP तय किया गया है, उनमें अनाज में धान, गेहूँ, जौ, ज्वार, बाजरा, मक्का और रागी हैं।
वहीं, दलहनी फ़सलों की बात करें तो उसमें चना, अरहर/तूर, मूँग, उड़द और मसूर आदि शामिल हैं।
इसके अलावा तिलहन वाली फ़सलों में मूँगफली, सरसों, तोरिया, सोयाबीन, सूरजमुखी के बीज, सीसम, कुसुम्भी और खुरसाणी, खोपरा, कच्चा कपास, कच्चा जूट, गन्ना, वर्जीनिया फ़्लू उपचारित (BFC) तम्बाकू और नारियल भी शामिल हैं।
बढ़ोतरी
अब इतना हुआ MSP
गेहूँ का समर्थन मूल्य 1,840 रुपये/क्विंटल से बढ़ाकर 1,925 रुपये प्रति/क्विंटल कर दिया गया है। इस तरह इसमें 85 रुपये की बढ़ोतरी हुई है।
वहीं, जौ के MSP को भी 85 रुपये/क्विंटल बढ़ाकर 1,440 रुपये/क्विंटल से 1,525 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया गया है।
इसके अलावा मसूर के MSP में 325 रुपये का इज़ाफ़ा किया गया है। इस बढ़ोतरी के बाद मसूर की MSP 4,475 रुपये/क्विंटल से बढ़कर 4,800 रुपये/क्विंटल हो गया है।