पश्चिम बंगाल: भारत बंद के दौरान मालदा में हिंसा, प्रदर्शनकारियों ने पुलिस वाहन फूंके
केंद्र सरकार की 'जन-विरोधी' नीतियों के खिलाफ बुधवार को देश की ट्रेड यूनियनों द्वारा किए गए भारत बंद का पश्चिम बंगाल में व्यापक असर देखने को मिला। बंद के दौरान मालदा जिले के सूजापुर क्षेत्र में पुलिस और हड़तालियों के बीच झड़प हो गई। हड़तालियों ने पुलिस पर पथराव कर दिया और दो वाहनों को आग के हवाले कर दिया। पुलिस के अनुसार हिंसा में कथित रूप से भारत बंद का आह्वान करने वाले ट्रेड यूनियनों के समर्थक शामिल थे।
नाकाबंदी हटाने के दौरान किया हमला
पुलिस सूत्रों के अनुसार दोपहर करीब 01:15 बजे पुलिसकर्मी NH-34 पर नाकाबंदी हटाने का प्रयास कर रहे थे। उसी दौरान हड़तालियों ने पुलिस पर पथराव करते हुए हमला बोल दिया। पुलिस ने स्थिति को नियंत्रण में लेने के लिए हवाई फायर किया और आंसू गैस के गोले दागे। पुलिस के अनुसार प्रदर्शनकारियों में सैकड़ों लोग शामिल थे। मालदा पुलिस अधीक्षक आलोक राजोरिया ने कहा कि मौके पर अतिरिक्त बल भेजा गया है।
पुलिस ने किया अपराध- विधायक
सुजापुर से कांग्रेस विधायक ईशा खान चौधरी ने एक वीडियो फुटेज दिखाया, जिसमें एक व्यक्ति पुलिस वर्दी में बन्दूक लेकर कुछ वाहनों के विंड शील्ड को तोड़ता हुआ दिखाई दे रहा था। उन्होंने आरोप लगाया कि कार्यकर्ताओं ने कोई वाहन क्षतिग्रस्त नहीं किया। पुलिस खुद अपराध कर पूरा दोष कार्यकर्ता तथा हड़तालियों पर मंढ रही है। भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) मालदा के जिला सचिव अमित मित्रा ने कहा कि मामले में पुलिस ने लोगों को उकसाया था।
मालदा के अलावा कई जगह प्रदर्शन
भारत बंद के दौरान पश्चिम बंगाल के कई हिस्सों में सड़क और रेल यातायात बाधित हुआ है। पूर्वी बर्दवान में कई जगहों पर जलते हुए टायर डालकर सड़कें बाधित की गई। इसके अलावा रेलवे ट्रेक भी बाधित किया गया। 24 परगना के हृदयपुर स्टेशन के पास रेलवे ट्रैक पर चार कच्चे बम बरामद हुए हैं। दमदम तथा लेक टाउन इलाकों में वाम समर्थकों और तृणमूल समर्थकों में झड़पे भी हुई। हालांकि बाद में पुलिस ने यातायात सुचारू करा दिया।
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने दी थी चेतावनी
बंद को लेकर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने ट्रेड यूनियन के कर्मचारियों को चेतावनी दी थी कि किसी भी प्रकार की हिंसा या झड़प होने पर पुलिस कठोर एक्शन लेगी, लेकिन इसके बाद भी कई जगहें हिंसा हुई है। मुख्यमंत्री ने भारत बंद का विरोध करते हुए कहा था कि वह भले ही इस मुहिम का समर्थन करती हैं, लेकिन हिंसा को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। वह हिंसात्मक बंद का समर्थन नहीं करती है।
बनर्जी ने लेफ्ट पार्टियों पर साधा निशाना
बंद को लेकर ममता बनर्जी ने लेफ्ट पार्टियों पर निशाना साधते हुए कहा कि लेफ्ट पार्टियां इस तरह का प्रदर्शन कर लोकप्रियता हासिल करना चाहती हैं। लेफ्ट पार्टियां हिंसा के जरिए अपनी मौजूदगी दर्ज कराना चाहती है। उन्हें दिल्ली में प्रदर्शन करने नहीं दिया जाता है। ऐसे में वह बंगाल में आकर प्रदर्शन करती है और माहौल खराब कर रही है। उन्होंने अपना पार्टी कार्यालय भी यहीं बनाया है। ऐसे में हिंसा होने पर उस पर कार्रवाई की जाएगी।
भारत बंद में शामिल हुई दर्जनभर से अधिक ट्रेड यूनियन
केन्द्र सरकार की जन-विरोधी नीतियों के खिलाफ देश की ट्रेड यूनियनों ने बुधवार को भारत बंद का आह्वान किया था। इसमें इंटक, सीटू, सेवा, ITUC, HMS, IUTUC, TUCC, AICCTU, LPF और UTUC यूनियन प्रमुख है। इसके अलावा पश्चिम बंगाल में वामपंथी दल और कांग्रेस समर्थक भी इसमें शामिल हुए हैं। भारत बंद से सड़क और रेल यातायात खासा प्रभावित रहा है। यूनियनों में बंद में देशभर के 25 करोड़ श्रमिकों के शामिल होने का दावा किया है।