दिल्ली विधानसभा चुनाव: 8 विधायकों के भाजपा में शामिल होने से AAP को कितना नुकसान होगा?
क्या है खबर?
दिल्ली में विधानसभा चुनाव से ठीक पहले आम आदमी पार्टी (AAP) के 8 विधायक भाजपा में शामिल हो गए हैं। इन्होंने एक दिन पहले ही विधायकी से इस्तीफा दिया था।
विधायकों ने AAP पर विचारधारा से भटकने और भ्रष्टाचार में शामिल होने जैसे कई आरोप लगाए थे। भाजपा और AAP में कड़े मुकाबले के बीच इसे AAP के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है।
आइए जानते हैं चुनावों पर इसका क्या असर हो सकता है।
विधायक
सबसे पहले AAP छोड़ने वाले विधायकों के नाम जानिए
भाजपा में शामिल होने वाले विधायकों में त्रिलोकपुरी से विधायक रोहित महरौलिया, जनकपुरी से विधायक राजेश ऋषि, कस्तूरबा नगर से विधायक मदनलाल, पालम से विधायक भावना गौड़, महरौली से विधायक नरेश यादव, आदर्श नगर से पवन शर्मा, बिजवासन विधायक भूपेंद्र सिंह जून और मादीपुर विधायक गिरीश सोनी शामिल हैं।
AAP ने इस बार इन सभी के टिकट काट दिए थे। माना जा रहा है कि इसी के चलते सभी ने पार्टी छोड़ी है।
असर
चुनावों पर क्या होगा असर?
BBC से बात करते हुए वरिष्ठ पत्रकार प्रमोद जोशी ने कहा, "चुनाव काफी कुछ धारणा पर भी लड़ा जाता है। चुनाव 5 को है। ऐसे में 3 तारीख तक जो गतिविधियां होंगी, वो सब धारणा बनाने में समर्थकों को संकेत देती है। इससे कार्यकर्ताओं का उत्साह कम होता है। दिल्ली के चुनाव को बड़ा नहीं माना जाता, लेकिन जिस तरह से भाजपा ने इसे प्रतिष्ठा का विषय बनाया हुआ है, ऐसे में पार्टी जोश भरने के लिए कदम उठाएगी।"
अंतर
2020 में इन सीटों पर कितने वोटों से हारी थी भाजपा?
2020 के विधानसभा चुनाव में मादीपुर में भाजपा 22,719, पालम में 32,765, कस्तूरबा नगर में 3,165, आदर्श नगर में 1,589, जनकपुरी में 14,917, बिजवासन में 753, त्रिलोकपुरी में 12,486 और महरौली में 18,161 वोटों से हारी थी।
इनमें से 7 सीटों पर कांग्रेस प्रत्याशी तीसरे नंबर पर रहे थे।
कस्तूरबा नगर, आदर्श नगर और बिजवासन में हार-जीत का अंतर तीसरे नंबर पर रहे प्रत्याशी को मिले वोटों से भी कम था।
भाजपा
क्या भाजपा को होगा फायदा?
AAP इस बार सत्ता विरोधी लहर और भाजपा से कड़ी चुनौती का सामना कर रही है।
उसके शीर्ष नेता भ्रष्टाचार के आरोपों में जेल जा चुके हैं और फिलहाल जमानत पर हैं। ऐसे में AAP के लिए चुनौतियां कम नहीं हैं।
इन 8 में से जिन सीटों पर हार-जीत का अंतर कम था, वहां मौजूदा विधायकों के बागी होने से AAP की परेशानियां बढ़ सकती हैं।
हालांकि, AAP का कहना है कि उसने सर्वे के बाद ही टिकट काटे हैं।
मतदान
दिल्ली में 5 फरवरी को डाले जाएंगे वोट
दिल्ली की सभी 70 विधानसभा सीटों पर एक ही चरण में 5 फरवरी को मतदान होगा और 8 फरवरी को मतगणना की जाएगी।
यहां AAP, भाजपा और कांग्रेस के बीच त्रिकोणीय मुकाबला है।
चुनाव आयोग के मुताबिक, दिल्ली में कुल 1.55 करोड़ मतदाता है, जिनमें 8.49 लाख पुरुष, जबकि 71.74 लाख महिलाएं हैं।
2020 के विधानसभा चुनाव में AAP ने 62 सीटें जीती थीं, भाजपा को 8 सीटों पर जीत मिली थी और कांग्रेस का खाता भी नहीं खुला था।