केंद्र सरकार ने मनमोहन सिंह की समाधि के लिए किया 2 स्थानों का चुनाव
क्या है खबर?
पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की समाधि के लिए केंद्र सरकार ने जमीन आवंटन की प्रक्रिया शुरू कर दी है।
केंद्रीय आवास एवं शहरी मामलों के मंत्रालय के शीर्ष अधिकारियों की एक टीम ने गुरुवार को पूर्व प्रधानमंत्री सिंह की प्रस्तावित समाधि के लिए राष्ट्रीय स्मृति स्थल परिसर में कुछ स्थलों का दौरा किया।
इसके बाद एक उच्च स्तरीय बैठक में 2 जगहों का चयन कर सिंह के परिवार को किसी एक जगह को चुनने का विकल्प दिया है।
चयन
मंत्रालय ने इन जगहों का किया चयन
रिपोर्ट के अनुसार, सरकार ने पूर्व प्रधानमंत्री की समाधि के लिए राष्ट्रीय स्मृति स्थल के पास स्थित एकता स्थल या विजय घाट का चयन किया है।
अब सिंह का परिवार इन 2 जगहों में से किसी एक का चयन का मंत्रालय को सूचित करेगा। उसके बाद संबंधित जमीन एक ट्रस्ट को सौंपी जाएगी। यह ट्रस्ट स्मारक के निर्माण और रखरखाव की जिम्मेदारी संभालेगा।
अधिकारियों का कहना है कि पूरी प्रक्रिया में एक से दो सप्ताह का समय लग सकता है।
जगह
क्या है राष्ट्रीय स्मृति स्थल?
राष्ट्रीय स्मृति स्थल को यमुना नदी के किनारे दिवंगत नेताओं के स्मारक परिसर के रूप में नामित किया गया है। इसके पास मौजूद एकता स्थल पूर्व राष्ट्रपति ज्ञानी जैल सिंह का समाधि स्थल है और राजघाट के साथ शांति वन (जवाहरलाल नेहरू की समाधि) और विजय घाट के बीच है।
इसी तरह विजय घाट पर भारत के दूसरे प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री का स्मारक है और यह राजघाट (महात्मा गांधी का स्मारक) के पास मुख्य रिंग रोड पर स्थित है।
दौरा
CPWD अधिकारियों ने भी किया राष्ट्रीय स्मृति स्थल का दौरा
इससे पहले केंद्रीय लोक निर्माण विभाग (CPWD) के अधिकारियों ने भी संजय गांधी स्मारक, राष्ट्रीय स्मृति स्थल के आसपास की जगहों का दौरा कर कुछ स्थानों की पहचान की थी।
अधिकारियों ने बताया था कि सरकार सिंह के परिवार के संपर्क में है और स्मारक के स्थान के लिए 3-4 विकल्पों पर चर्चा की है।
हालांकि, बाद में केंद्रीय आवास एवं शहरी मामलों के मंत्रालय के अधिकारियों ने इसके लिए केवल 2 ही जगहों का चयन किया है।
निधन
26 दिसंबर को हुआ था सिंह का निधन
सिंह का गत 26 दिसंबर को उम्र संबंधी समस्याओं के कारण दिल्ली के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) में निधन हो गया था।
उसके बाद 28 दिसंबर को नई दिल्ली के निगम बोध घाट पर उनका अंतिम संस्कार किया गया था। सिंह के निधन पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह सहित भारत और दुनिया भर के नेताओं ने शोक व्यक्त किया था।
केंद्र सरकार ने 7 दिन के राष्ट्रीय शोक की घोषणा भी की थी।
विवाद
समाधि स्थल को लेकर हुआ था विवाद
सिंह के समाधि स्थल के लिए जमीन आवंटन की मांग को लेकर कांग्रेस और भाजपा के बीच जमकर बयानबाजी हुई थी।
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे सहित अन्य नेताओं ने सिंह के अंतिम संस्कार के लिए केंद्र से दिल्ली में यमुना किनारे जगह देने का आग्रह किया था, जहां देश के पूर्व प्रधानमंत्रियों के स्मृति स्थल हैं।
हालांकि, सरकार ने अंतिम संस्कार से पहले जमीन का आवंटन नहीं किया था। इस को लेकर कांग्रेस ने कई आरोप लगाए थे।