अपनी याददाश्त और एकाग्रता को सुधारना चाहते हैं? इन 5 टिप्स को अपनाने से मिलेगी मदद
बढ़ती उम्र के साथ शरीर में कई बदलाव आते हैं, जिनमें से एक है याददाश्त का कमजोर हो जाना। समय के साथ कई लोगों की संज्ञानात्मक क्षमताएं और एकाग्रता कमजोर हो जाती है और उन्हें ध्यान लगाने में कठिनाई होती है। आप अपनी जीवनशैली में कुछ सकारात्मक बदलाव ला कर इस समस्या से निजात पा सकते हैं और अपनी एकाग्रता को सुधार सकते हैं। इस लेख में हम आपके साथ याददाश्त और एकाग्रता बढ़ाने के 5 प्रभावी टिप्स साझा करेंगे।
तनाव को कम करें
तनाव विभिन्न तरीकों से याददाश्त और एकाग्रता को प्रभावित कर सकता है। इसके कारण स्मृति निर्माण के लिए जिम्मेदार हिप्पोकैम्पस को नुकसान पहुंच सकता है, जिससे सीखने और चीजों को याद रखने में कठिनाई हो सकती है। ऐसे में आपको अपने मानसिक स्वास्थ्य पर ध्यान देते हुए तनाव को कम करने की कोशिश करनी चाहिए। अपने तनाव को कम करते हुए एकाग्रता और याददाश्त को सुधारने के लिए ध्यान लगाएं, योग करें या संगीत सुनें।
कोई नई कला सीखें
नई कला को चुनना और उसका अभ्यास करना याददाश्त और एकाग्रता में सुधार करने के सबसे अच्छे तरीकों में से एक है। जब आप कुछ नया सीखने के लिए मस्तिष्क का उपयोग करते हैं, तो आपकी याददाश्त में खुद-ब-खुद सुधार आने लगता है। कुछ नया सीखने से न्यूरोजेनेसिस की प्रक्रिया शुरू होती है, जिससे मस्तिष्क की नई कोशिकाओं का विकास होता है। इसके लिए आप कोई नई भाषा सीख सकते हैं या संगीत की कक्षाओं में शामिल हो सकते हैं।
पर्याप्त नींद लें
याददाश्त और एकाग्रता को सुधारने के लिए अच्छी नींद लेना जरूरी होता है। हर रात कम से कम 7-9 घंटे की नींद लेने का प्रयास करें। इसके अलावा, आपको रोजाना एक निर्धारित समय पर ही सोना चाहिए और सोने से पहले एक आरामदायक रूटीन भी अपनाना चाहिए। नींद की कमी आपकी सीखने की क्षमता को 40 प्रतिशत तक कम कर सकती ही। देर रात तक जागने की आदत को बदलें और रात के समय मोबाइल इस्तेमाल करने से भी बचें।
संतुलित डाइट अपनाएं
अगर आप रोजाना जंक फूड खाते हैं और संतुलित डाइट का पालन नहीं करते हैं तो आपकी याददाश्त कमजोर हो सकती है। नेशनल एकेडमिक प्रेस द्वारा प्रकाशित शोध में कहा गया है कि पोषण की कमी आपके संज्ञानात्मक प्रदर्शन को भी कम कर सकती है। अपने खान-पान में पोष्टिक फलों, सब्जियों, मेवों और फलियों को शामिल करें। इनके अलावा, आपको जंक फूड, तले-भुने भोजन, मीठे व्यंजन और प्रोसेस्ड खाद्य पदार्थों से परहेज करना चाहिए।
माइंडफुलनेस का अभ्यास करें
माइंडफुलनेस का अभ्यास करके भी आप अपनी एकाग्रता व याददाश्त को सुधार सकते हैं। माइंडफुलनेस बिना किसी चिंता के वर्तमान में अपने विचारों और भावनाओं के प्रति जागरूक रहने का अभ्यास होता है। आप ध्यान लगाकर अपनी एकाग्रता बढ़ाने का प्रयास कर सकते हैं, जो माइंडफुलनेस का एक प्रकार है। इस अभ्यास के जरिए आपका मन भी शांत रह सकता है और आपको तनाव मिटाने में भी मदद मिल सकती है।