मिर्गी के जोखिमों को कम करने में सहायक हैं ये योगासन, जानिए अभ्यास का तरीका
मिर्गी एक गंभीर दिमागी विकार है। इससे ग्रसित व्यक्ति को दौरे पड़ते हैं जो उसे मानसिक और शारीरिक रूप से प्रभावित करते हैं। इसलिए इसका सही इलाज कराना जरूरी है। आधुनिक दवाइयों से अलग योगाभ्यास भी मिर्गी से बचाव का एक कारगर तरीका हो सकता है। आइए आज आपको कुछ ऐसे योगासनों के अभ्यास का तरीका बताते हैं जो मिर्गी के जोखिमों को कम करने में सहायक साबित हो सकते हैं।
नर्वस सिस्टम की कार्यक्षमता बढ़ाकर मिर्गी के खतरे को कम करता है मत्स्यासन
मत्स्यासन के अभ्यास के लिए सबसे पहले योग मैट पर पद्मासन की मुद्रा में एकदम सीधे बैठ जाएं। अब अपनी पीठ की दिशा में झुकें और अपने सिर को जमीन से सटाने की कोशिश करें। इसके बाद अपने पैरों की उंगलियों को पकड़ें और जितना संभव हो सके उतनी देर इसी मुद्रा में रूकने की कोशिश करें। कुछ मिनट तक ऐसे ही रहने के बाद धीरे-धीरे सामान्य अवस्था में आ जाएं।
मिर्गी के रोग को बढ़ने से रोकता है कपोतासन
इस योगासन के लिए सबसे पहले योगा मैट पर घुटनों के बल खड़े हो जाएं। अब अपने हाथों को सामने की ओर से ऊपर उठाकर शरीर को वक्र का आकार देते हुए पीछे की ओर ले जाएं और अपनी हथेलियों को जमीन पर रखें। फिर इसी मुद्रा में रहते हुए अपने सिर को एड़ियों के बीच रखने की कोशिश करें। इसके बाद अपने दोनों हाथों से पैरों की एडियों को पकड़ें और कुछ देर बाद धीरे-धीरे सामान्य हो जाएं।
तनाव कम करके मिर्गी से बचा सकता है उत्तानासन
उत्तानासन के अभ्यास के लिए सबसे पहले योगा मैट पर सीधे खड़े हो जाएं। अब सांस छोड़ते हुए और कूल्हों की तरफ से मुड़ते हुए नीचे झुकें। ध्यान रहें कि आपके घुटने बिल्कुल सीधे हों और पैर एक−दूसरे के समानांतर हों। इसके बाद अपने हाथों से अपने पंजों को छूने की कोशिश करें। कुछ देर इसी मुद्रा में बने रहने के बाद धीरे−धीरे सामान्य अवस्था में आ जाएं। कुछ मिनट विश्राम के बाद फिर से इस योगासन का अभ्यास करें।
मिर्गी से कुछ हद तक राहत दिला सकता है बालासन
बालासन करने के लिए सबसे पहले योगा मैट पर वज्रासन की मुद्रा में बैठ जाएं। अब गहरी सांस लेते हुए हाथों को ऊपर उठाएं और फिर सांस छोड़ते हुए धीरे-धीरे आगे की ओर झुककर माथे को जमीन से सटाएं। इस स्थिति में दोनों हाथ सामने, माथा जमीन से टिका हुआ और छाती जांघों पर रहेगी। कुछ सेकंड इसी मुद्रा में रहकर सामान्य रूप से सांस लेते रहें और फिर कुछ देर बाद योगासन को छोड़कर सामान्य हो जाएं।