शक्ति मुद्रा: बेहद लाभदायक है यह योग, जानिए इसके अभ्यास का तरीका और अन्य महत्वपूर्ण बातें
शक्ति मुद्रा मुख्य हस्त मुद्राओं में से एक है। अगर इसका नियमित तौर पर सही तरीके से अभ्यास किया जाए तो यह शरीर की अशुद्धियों को दूर करने और सेहतमंद बनाए रखने में मदद करती है। इसके अलावा यह मन और दिमाग को शांत रखने के साथ-साथ कई अन्य स्वास्थ्य लाभ भी दे सकती है। आइए आज हम आपको इस योग के अभ्यास का तरीका और इससे संबंधित अन्य कुछ महत्वपूर्ण बातों के बारे में विस्तार से बताते हैं।
शक्ति मुद्रा के अभ्यास का तरीका
सबसे पहले सुखासन की मुद्रा में बैठें। फिर अपने दोनों हाथों के अंगूठों को अपनी हथेली पर रखें और मुट्ठी बांध लें। अब अपनी दोनों हाथों की अनामिका और कनिष्ठा उंगलियों को सीधा करके आपस में मिलाएं। इस दौरान दोनों हाथों की तर्जनी और मध्यमा उंगलियों से अपने अंगूठों को दबाकर रखें। इस मुद्रा में सामान्य रूप से सांस लेते रहें और अपनी आंखें बंद रखें। कुछ मिनट अभ्यानस के बाद इसका अभ्यास छोड़ दें।
मुद्रा के अभ्यास के दौरान जरूर बरतें ये सावधानियां
अगर आपको ज्यादा देर तक बैठने में परेशानी होती है तो आप इस मुद्रा का अभ्यास लेटकर या खड़े होकर भी कर सकते हैं। कुछ खाने या पीने के तुरंत बाद इस मुद्रा का अभ्यास न करें क्योंकि इससे पाचन क्रिया पर विपरीत प्रभाव पड़ सकता है। इसके अलावा इस मुद्रा का अभ्यास करते समय नाक से ही सांस लें और मुंह से सांस लेने का प्रयास न करें।
शक्ति मुद्रा के निरंतर अभ्यास से मिलने वाले फायदे
अगर आप शक्ति मुद्रा का रोजाना अभ्यास करते हैं तो इससे आपको तनाव से राहत मिल सकती है। यह मुद्रा ध्यान केंद्रित करने की शक्ति और सकारात्मक दृष्टिकोण को बढ़ाती है। इस मुद्रा के अभ्यास से रोग प्रतिरोधक क्षमता पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है। इस मुद्रा से मस्तिष्क के कार्य करने की क्षमता बढ़ती है। यह मुद्रा शांति, विचारों में स्पष्टता और एकाग्रता को बेहतर करने में भी सहायक है।
मुद्रा के अभ्यास से जुड़ी खास टिप्स
अगर आप पहली बार इस मुद्रा का अभ्यास करने वाले हैं तो आपको बता दें कि इसका अभ्यास सुबह के वक्त ही किया जाता है। इस मद्रा का अभ्यास किसी शांत जगह पर बैठकर करें ताकि आपका ध्यान पूरी तरह से इस पर केंद्रित हो सके। अगर हाथ में किसी तरह की तकलीफ हो तो इस मुद्रा का अभ्यास करने की गलती न करें क्योंकि इससे आपकी समस्या बढ़ सकती है।