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यूरिक एसिड को नियंत्रित करने में मदद करते हैं ये योगासन, ऐसे करें अभ्यास
यूरिक एसिड को नियंत्रित करने में सहायक हैं ये योगासन

यूरिक एसिड को नियंत्रित करने में मदद करते हैं ये योगासन, ऐसे करें अभ्यास

लेखन अंजली
Jul 09, 2021
06:45 am

क्या है खबर?

यूरिक एसिड खून में पाया जाने वाला एक रसायन है जो शरीर में मौजूद प्यूरीन नामक पदार्थ के टूटने के कारण बनता है। अगर किसी कारणवश यह एसिड बढ़ने लगे तो इसके कारण पैरों के जोड़ों में क्रिस्टल बनने लगता जो गंभीर और दर्दनाक सूजन का कारण बनता है। हालांकि योग की मदद से हाई यूरिक एसिड को काबू में करने में काफी मदद मिल सकती है। आइए आज आपको ऐसे ही कुछ योगासनों के अभ्यास का तरीका बताते हैं।

#1

अर्ध उत्तानासन

अर्ध उत्तानासन के अभ्यास के लिए सबसे पहले योगा मैट पर ताड़ासन की मुद्रा में खड़े हो जाएं। अब सांस छोड़ते हुए और कूल्हे को मोड़ते हुए नीचे की ओर झुकें और हाथों से जमीन को छूने की कोशिश करें। ध्यान रखें कि इस दौरान घुटने नहीं मुड़ने चाहिए। इसी अवस्था में धीरे-धीरे सांस लेते और छोड़ते रहें। कुछ सेकंड इसी मुद्रा में बने रहने के बाद धीरे-धीरे प्रारंभिक मुद्रा में आ जाएं।

#2

कपोतासन

इस योगासन के लिए पहले योगा मैट पर घुटनों के बल खड़े हो जाएं। फिर अपने हाथों को सामने की ओर से ऊपर उठाकर शरीर को घुमाते हुए पीछे की ओर ले जाएं और अपनी हथेलियों को जमीन पर रख लें। अब इसी मुद्रा में अपने सिर को एड़ियों के बीच रखने की कोशिश करें। इसके बाद अपने दोनों हाथों से पैरों की एडियों को पकड़ें। अपनी क्षमतानुसार इस मुद्रा में बने रहने के बाद धीरे-धीरे सामान्य हो जाएं।

#3

मंडूकासन

मंडूकासन के अभ्यास के लिए पहले योगा मैट पर वज्रासन की अवस्था में बैठ जाएं और फिर अपने दोनों हाथों से मुठ्ठी बनाकर इन्हें अपनी नाभि के पास रख लें। अब सांस छोड़ते हुए आगे की ओर इस तरह से झुकें कि नाभि पर मुठ्ठी का ज्यादा से ज्यादा दबाव पड़े। इस दौरान सिर और गर्दन ऊपर उठाए रखें। धीरे-धीरे सांस लेते और छोड़ते हुए यथासंभव इस स्थिति को बनाए रखें। इसके बाद धीरे-धीरे आसन छोड़ दें और विश्राम करें।

#4

पवनमुक्तासन

सबसे पहले योगा मैट पर पीठ के बल लेट जाएं और फिर दोनों पैरों को धीरे-धीरे घुटनों से मोड़ते हुए छाती के पास ले आएं। अब दोनों हाथों को घुटनों पर रखते हुए उंगलियों को आपस में कस लें। इसके बाद सिर और कंधों को जमीन से उठाते हुए नाक को दोनों घुटनों को बीच लगाने का प्रयास करें। कुछ सेकंड के लिए इसी मुद्रा में बने रहने की कोशिश करें और फिर धीरे-धीरे सामान्य हो जाएं।