हृदय रोगों के जोखिम को कम करने में सहायक हैं ये योग मुद्राएं, ऐसे करें अभ्यास
हृदय शरीर का एक महत्वपूर्ण अंग है और इसका स्वस्थ रहना जरूरी है। हालांकि बिगड़ती जीवनशैली और गलत खान-पान के कारण हृदय का स्वास्थ्य प्रभावित हो रहा है और लोग तरह-तरह के हृदय रोगों की चपेट में आ रहे हैं। ऐसे लोगों के लिए योग हस्त मुद्राओं को अपनी दिनचर्या में शामिल करना लाभदायक हो सकता है। आइए आज ऐसी ही कुछ योग हस्त मुद्राओं के अभ्यास का तरीका जानते हैं।
अपान वायु मुद्रा
सबसे पहले सुखासन की मुद्रा में बैठ जाएं। अब अपने हाथों को सीधा करके घुटनों पर रखें। इस दौरान आपकी हथेलियां आसमान की ओर होनी चाहिए। इसके बाद अपने हाथों की तर्जनी उंगली (इंडेक्स फिंगर) को मोड़ते हुए अंगूठे की जड़ से सटाएं। फिर अनामिका (रिंग फिंगर) और मध्यमा उंगली को मोड़कर अंगूठे की नोक को दबाएं। इस दौरान छोटी उंगली बाहर की ओर फैली हुई और दोनों आंखें बंद रखें। कुछ देर बाद इस मुद्रा को छोड़ दें।
प्राण मुद्रा
सबसे पहले योगा मैट पर किसी आरामदायक मुद्रा में बैठ जाएं। अब अपने दोनों हाथों को अपने घुटनों पर रखें। इस दौरान हथेलियां आकाश की तरफ होनी चाहिए। इसके बाद अपनी हाथों की सबसे छोटी उंगली और अनामिका उंगली को अंगूठे के नोक से छूएं। वहीं बाकी उंगलियों को सीधा रखें। अब अपनी दोनों आंखों को बंद करें और इस मुद्रा में 20-25 मिनट तक रहने की कोशिश करें।
सूर्य मुद्रा
सूर्य मुद्रा के अभ्यास के लिए सबसे पहले योगा मैट पर सुखासन की मुद्रा में बैठ जाएं। इसके बाद अपने दोनों हाथों को सीधा करके अपने घुटनों पर रखें। इस दौरान आपकी हथेलियां ऊपर की ओर होनी चाहिए। अब अपने दोनों हाथों के अंगूठों को अनामिका उंगलियों (रिंग फिंगर) के ऊपर रखें। बाकी सभी उंगलियां सीधी रखें। अंत में अपनी दोनों आंखों को बंद करें और अपनी सांस पर ध्यान केंद्रित करें। 15 मिनट तक इस मुद्रा में रहें।
गणेश मुद्रा
सबसे पहले योगा मैट पर पद्मासन की मुद्रा में बैठ जाएं। अब दोनों हाथों को छाती के सामने लाएं और अपनी दोनों हथेलियों को एक-दूसरे के ऊपर रखें। इसके बाद दोनों हथेलियों की उंगलियों को मोड़कर एक टाइट ग्रिप बनाएं, जैसा कि तस्वीर में दिखाया गया है। फिर हाथों की अवस्था को बदलें यानि जो हाथ ऊपर था उसे नीचे और नीचे वाले हाथ को ऊपर की ओर लाएं। हाथों के स्थान को 15 मिनट तक ऐसे ही बदलते रहें।