राजस्थान के बूंदी में स्थित ये पांच पर्यटन स्थल छुट्टियों के लिए हैं बेहतरीन
राजस्थान में स्थित बूंदी एक ऐतिहासिक पर्यटक स्थल है, जो खूबसूरत परिदृश्यों के बीच एक शांतिपूर्ण और आरामदेह छुट्टी बिताने के लिए एक आदर्श स्थान है। यह पर्यटन स्थल धार्मिक स्थलों से लेकर खूबसूरत हवेली, प्राचीन किलों और बावड़ियों के लिए लोकप्रिय है। आइए आज हम आपको बूंदी के पांच प्रमुख पर्यटन स्थलों के बारे में बताते हैं, जहां आप अपनी छुट्टियों में जाकर अपने जीवन के कुछ क्षण एन्जॉय कर सकते हैं।
तारागढ़ किला
बूंदी की सबसे आकर्षक और शानदार संरचनाओं में से एक तारागढ़ किला राजस्थान के सबसे पुराने किलों में से एक है और माना जाता है कि यह भारत का पहला पहाड़ी किला है। इसे "स्टार किला" भी कहा जाता है, जिसका निर्माण 1354 में किया गया था और यह एक खड़ी पहाड़ी पर स्थित है। रुडयार्ड किपलिंग ने किले को "पुरुषों की तुलना में गोबलिन्स का अधिक काम" के रूप में वर्णित किया।
नवल सागर झील
नवल सागर झील एक खूबसूरत मानव निर्मित झील है, जिसका क्रिस्टल क्लीयर पानी पूरे शहर का प्रतिबिंब प्रस्तुत करता है। सुंदर परिदृश्य से घिरी इस झील के बीच में एक छोटा जलमग्न मंदिर है, जो जल के देवता वरुण देव को समर्पित है। अगर आप किसी ऐसी जगह की तलाश कर रहे हैं, जहां आप अपने परिवार या फिर दोस्तों के साथ पिकनिक का आनंद ले सकें तो इसके लिए नवल सागर झील बेहतरीन है।
सुख महल
उम्मेद सिंह के शासन के दौरान निर्मित सुख महल बहुत खूबसूरत है, जो जैत सागर झील के किनारे पर है। इस महल के दरवाजे चंदन की लकड़ी से बने हैं, जो आसपास के इलाकों में खुशबू फैलाते हैं। इस महल की सभी दीवारों को विशिष्ट बुंडी शैली वाले भित्ति चित्रों से सजाया गया है। प्राचीन शासकों ने इस महल का इस्तेमाल ग्रीष्मकालीन विश्राम गृह के रूप में किया था और आपकी छुट्टियों के लिए भी यह पर्यटन स्थल बेहतरीन है।
रामगढ़ विषधारी अभ्यारण्य
रामगढ़ विषधारी अभयारण्य 1982 में स्थापित किया गया था औ इसे मई 2022 में भारत के 52 वें टाइगर रिजर्व के रूप में अधिसूचित किया गया था। यह अभयारण्य अब रणथंभौर, सरिस्का और मुकुंदरा के बाद राजस्थान में चौथा बाघ अभयारण्य है, जहां आप जंगली सूअर, चिंकारा, लकड़बग्घा, लोमड़ी, तेंदुआ आदि देख सकते हैं। नवंबर से मार्च तक का समय इस अभयारण्य की यात्रा के लिए अच्छा है।
रानीजी की बाउरी
बूंदी शहर में 50 से अधिक बावड़ियां हैं, जिनमें रानीजी की बाउरी इतिहास में रूचि रखने वाले लोगों के बीच लोकप्रिय है। बावड़ियों का निर्माण सूखे के समय पानी की जरूरतों को पूरा करने के लिए किया गया था। रानीजी की बावड़ी सभी बावड़ियों में सबसे बड़ी है और 1699 में रानी नाथावती जी द्वारा बनाई गई थी। बहु-मंजिला संरचना 46 मीटर गहरी है, जिसमें एक उच्च धनुषाकार द्वार और पत्थर की मूर्तियां हैं।