
बहुत ही खूबसूरत हैं उत्तर प्रदेश के ये ऐतिहासिक स्थल, मौका मिलते ही घूम आएं
क्या है खबर?
भारत के उत्तर भाग में स्थित उत्तर प्रदेश सांस्कृतिक और धार्मिक विरासत की भूमि है और यह तीर्थ स्थलों से लेकर ऐतिहासिक स्थलों तक, सब कुछ अपने अंदर संजोए हुए है।
उत्तर प्रदेश में घूमने के लिए कोई निश्चित समय नहीं है और अपने असीमित आकर्षणों के कारण यह पूरे साल पर्यटकों को आकर्षित करता है।
चलिए आज हम आपको इस राज्य के कुछ प्रमुख ऐतिहासिक स्थलों के बारे में बताते हैं, जहां आपको एक बार जरूर जाना चाहिए।
#1
बड़ा इमामबाड़ा (लखनऊ)
बड़ा इमामबाड़ा लखनऊ में स्थित है, जिसका निर्माण नवाब आसफ-उद-दौला ने 1784 में करवाया था। ऐसा कहा जाता है कि इस ऐतिहासिक स्थल को 1784 के अकाल के दौरान रोजगार के अवसर पैदा करने के लिए बनाया गया था।
वहीं, इसे भ्रामक रास्तों के कारण भूल-भुलैया भी कहा जाता है।
गोमती नदी के किनारे स्थित बड़ा इमामबाड़ा की वास्तुकला, ठेठ मुगल शैली को प्रदर्शित करती है और इसे दुनिया की सबसे बड़ी पाचंवी मस्जिद भी माना जाता है।
#2
बुलंद दरवाजा (फतेहपुर सीकरी)
बुलंद दरवाजा फतेहपुर सीकरी में है, जिसे "विजय का द्वार" भी कहा जाता है क्योंकि इसका निर्माण मुगल सम्राट अकबर ने गुजरात पर जीत के उपलक्ष्य में करवाया था।
बता दें कि यह एशिया का सबसे ऊंचा दरवाजा है, जिसकी उंचाई 176 फुट है और इसे बनाने में करीब 12 साल लगे थे।
इस दरवाजे की सबसे बड़ी खासियत यह है कि इस पर कुरान की आयतों को बड़ी ही खूबसूरती के साथ अरबी भाषा में उकेरा गया है।
#3
धामेक स्तूप (सारनाथ)
सारनाथ में स्थित धामेक स्तूप बौद्ध धर्म के महत्वपूर्ण स्मारकों में से एक है। ऐसा कहा जाता है कि ज्ञान प्राप्त करने के बाद भगवान बुद्ध ने यहीं पर अपना पहला प्रवचन दिया था।
यह स्तूप लगभग 43.6 मीटर ऊंचा और 28 मीटर चौड़ा है। इसके अतिरिक्त, यह मिट्टी और ईंटों से बना हुआ है। इस स्तूप का निचला हिस्सा गुप्त मूल के पुष्पों की नक्काशी से सजा हुआ है।
वहीं, इसके आस-पास का नजारा भी काफी खूबसूरत है।
#4
काशी विश्वनाथ मंदिर (वाराणसी)
काशी विश्वनाथ मंदिर एक धार्मिक स्थल होने के साथ-साथ ऐतिहासिक स्थल भी है, जो भगवान शिव को समर्पित है।
इस मंदिर में विराजित ज्योतिर्लिंग देश के सभी 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है, जिसकी वजह से इस मंदिर को वाराणसी का एक खास मंदिर कहा जाता है।
बता दें कि काशी विश्वनाथ मंदिर में प्रतिदिन लगभग 3,000 भक्त आते हैं और खास उत्सव पर इस मंदिर में आने वाले लोगों की संख्या करीब 1,00,000 तक हो जाती है।