इलाहाबाद में स्थित हैं ये पांच खूबसूरत पर्यटन स्थल, छुट्टियों में घूम आएं
उत्तर प्रदेश में स्थित इलाहाबाद एक खूबसूरत और धार्मिक शहर है, जो आध्यात्मिक ज्ञान प्राप्त करने और शांति से अपनी छुट्टियां बिताने के लिए एक आदर्श स्थान है। अब इलाहाबाद को आधिकारिक तौर पर प्रयागराज के रूप में जाना जाता है, यह स्थान कुंभ मेले के लिए लोकप्रिय है, जो यहां हर 12 साल में एक बार आयोजित किया जाता है। आइए आज हम आपको इस शहर के पांच सबसे खूबसूरत पर्यटन स्थलों के बारे में बताते हैं।
त्रिवेणी संगम
इलाहाबाद में ही नहीं बल्कि मध्य भारत में भी सबसे लोकप्रिय पर्यटन स्थलों में से एक त्रिवेणी संगम वह केंद्र है, जहां गंगा, यमुना और सरस्वती नदी आपस में मिलती हैं। ये तीनों नदियों को उनके अलग-अलग रंगों से पहचाना जा सकता है। यहां प्रसिद्ध कुंभ मेला भी लगता है। ऐसा माना जाता है कि त्रिवेणी संगम के पवित्र जल में डुबकी लगाने से आपके सभी पाप धुल जाते हैं।
खुसरो बाग
इलाहाबाद के लुकरगंज में स्थित खुसरो बाग मुगल वास्तुकला को दर्शाता है। इसमें जहांगीर परिवार के तीन बलुआ पत्थर से बने मकबरे हैं, जिसमें से एक जहांगीर की पत्नी शाह बेगम, दूसरा उनकी बेटी सुल्तान निथार बेगम और तीसरा उनके सबसे बड़े बेटे खुसराव मिर्जा का। इस बाग का अधिकतर हिस्सा कलाकार अका रेजा ने डिजाइन किए गए थे और प्रत्येक मकबरे पर जटिल शिलालेख और नक्काशी की विशेषता है।
इलाहाबाद का किला
1583 में अकबर द्वारा निर्मित इलाहाबाद किला गंगा और यमुना नदी के संगम तट पर स्थित है। यह अकबर के सबसे बड़े किलों में से एक है, जिसका प्रबंधन भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण द्वारा किया जाता है। यह किला अक्षयवट वृक्ष के लिए लोकप्रिय है, जहां स्थानीय लोगों ने मोक्ष प्राप्त करने के लिए आत्महत्या कर ली थी। इस किले में पातालपुरी मंदिर भी है।
आनंद भवन
आनंद भवन एक दो मंजिला हवेली है, जिसका निर्माण मोतीलाल नेहरू ने करवाया था। 1970 में इंदिरा गांधी द्वारा भारत सरकार को हवेली दान करने के बाद इसे एक संग्रहालय में बदल दिया गया था। इसमें भारत के स्वतंत्रता आंदोलन के प्राचीन लेख और कलाकृतियां हैं। इसके अतिरिक्त, इस हवेली में लकड़ी के फर्नीचर भी हैं, जो यूरोप और चीन से आयात किए गए हैं।
हनुमान मंदिर
अगर आप अपने इलाहाबाद दौरे के दौरान कुछ आध्यात्मिक ज्ञान प्राप्त करना चाहते हैं तो संगम क्षेत्र में स्थित हनुमान मंदिर के दर्शन अवश्य करें। स्थानीय रूप से इसे बड़े हनुमान का मंदिर कहा जाता है। इस मंदिर में झुके हुए 20 फीट लंबे और आठ फीट चौड़ी भगवान हनुमान की प्रतिमा है। वहीं, जमीन के नीचे स्थित मूर्ति तक पहुंचने के लिए आपको 10 सीढ़ी के रास्ते पर जाना होगा।