कोरोना संक्रमितों के शव मिलने के बाद क्या गंगा नदी से भी है संक्रमण का खतरा?
गाजीपुर और बक्सर में गंगा नदी में 70 से अधिक शव तैरते मिल चुके हैं। इनके कोरोना संक्रमितों के होने का अंदेशा जताया जा रहा है। कहा जा रहा है कि अंतिम संस्कार के लिए जगह नहीं मिलने पर शवों को गंगा में फेंक दिया गया। हालांकि, अधिकारी पूरे मामले की तह तक पहुंचने में लगे हैं, लेकिन इससे लोगों में गंगा के पानी से भी संक्रमण फैलने का डर बैठ गया है। यहां जानते हैं सभी सवालों के जवाब।
गंगा नदी में लगातार मिल रहे हैं शव
सोमवार को बक्सर के चौसा मेेें महादेव घाट पर 40 से अधिक शव तैरते मिले थे। हालांकि, अधिकारियों ने उनका उत्तर प्रदेश से बहकर आना बताया था। उनका कहना था कि लोगों ने अंतिम संस्कार की जगह शवों को गंगा नदी में ही फेंक दिया। इसके अगले ही दिन गाजीपुर में कई शव तैरते मिल गए। अधिकारियों ने शव के निस्तारण की प्रक्रिया शुरू कर दी, लेकिन लोगों ने नदी के पानी से संक्रमण फैलने का डर बैठ गया है।
क्या कोरोना संक्रमितों के शव से फैलता है संक्रमण?
इंडिया टुडे के अनुसार इसको लेकर अभी तक कोई स्पष्टता नहीं है। हालांकि, विशेषज्ञों ने कोरोना संक्रमित के शव से संक्रमण फैलने की संभावना को खारिज किया है। भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR) के निदेशक डॉ बलराम भार्गव ने कहा कि वायरस को पनपने के लिए जीवित मानव शरीर जरूरी होती है। यदि मानव शरीर मृत है तो फिर उसमें वायरस के आगे पनपने या उनके ब्रीड करने की संभावना बहुत ही कम रहती है। हालांकि, सतर्कता जरूरी है।
केंद्र सरकार ने सतर्कता बरतते हुए जारी की गाइडलाइंस
हालांकि, केंद्र सरकार ने कोरोना संक्रमण से हुई मौतों में मृतकों के अंतिम संस्कार को लेकर सतर्कता के चलते गाइडलाइंस जारी की है। इसके अनुसार शवों को पैकिंग बैग से बाहर नहीं निकाला जा सकता है। इसी तरह अंतिम संस्कार के समय शव से पर्याप्त दूरी रखने, मास्क, ग्लव्ज और PPE किट पहनने और सोशल डिस्टेसिंग का पालन करना जरूरी है। इसी तरह अमेरिका के सेंटर फॉर डिसीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (CDC) ने भी ऐसे ही उपाय बताए हैं।
क्या पानी के जरिए भी फैल सकता है कोरोना संक्रमण?
चिकित्सा विशेषज्ञों के अनुसार कोरोना संक्रमण का प्रसार किसी संक्रमित के खांसने, छींकने, बोलने या सांस लेने के दौरान निकलने वाले एयरोसोल (पानी की महीन बूंदे) के जरिए फैलता है। इसका मतलब है कि संक्रमित व्यक्ति द्वारा छोड़े गए पानी में वायरस सुरक्षित रहता है। हालांकि, इस बात के अभी तक कोई सुबूत नहीं मिले हैं कि बहते पानी या किसी स्विमिंग पूल से वायरस के संक्रमण का खतरा होता है। इस पर अभी भी अध्ययन जारी है।
WHO ने भी बताया बहते पानी से संक्रमण नहीं फैलने का खतरा
बता दें विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने भी कहा है कि कोरोना वायरस का संक्रमण बहते हुए पानी से नहीं होता है। यह संक्रमण केवल संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने पर व्यक्ति से व्यक्ति में फैलता है। ऐसे में पानी से खतरा नहीं है।
वाटर बोर्न नहीं है कोरोना वायरस का संक्रमण- चौबे
बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी (BHU) के जीन विज्ञानी प्रोफेसर ज्ञानेश्वर चौबे ने बताया कि कोरोना वायरस को लेकर अब तक हुए अध्ययनों से स्प्ष्ट होता है कि यह वाटर बोर्न नहीं है। ऐसे में यदि पानी में वायरस जाता भी है तो उसका किसी भी व्यक्ति पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। देखा जाए तो बहुत सारे सीवर गंगा में गिरते हैं। इसी तरह भार्गव ने कहा कि गंगा में ऐसे तो जबरदस्त एंटीबैक्टीरियल गुण हैं, लेकिन वर्तमान में स्थिति खराब है।
विशेषज्ञों ने जताई अन्य खतरों की आशंका
विशेषज्ञों ने कहा कि शवों को संक्रामक माना जाता है और इसमें बड़ी संख्या में बैक्टीरिया और वायरस होते हैं जो केवल गंगा में प्रदूषण के स्तर को बढ़ा सकते हैं। तैरते हुए शवों के सीधे संपर्क में आने वालों के लिए स्वास्थ्य पर अन्य प्रतिकूल प्रभाव भी पड़ सकते हैं। उन्होंने कहा कि तैरते शवों को बाहर निकालते समय भी पूर्ण सावधानी बरतने की जरूरत है। बिना सावधानी से शवों को छूना स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है।
भारत में यह है कोरोना संक्रमण की स्थिति
भारत में पिछले 24 घंटे में कोरोना वायरस से संक्रमण के 3,48,421 नए मामले सामने आए और 4,205 मरीजों की मौत हुई। लगातार तीसरे दिन दैनिक मामलों में कमी देखी गई है। इसी के साथ देश में कुल संक्रमितों की संख्या 2,33,40,938 हो गई है। इनमें से 2,54,197 लोगों को इस खतरनाक वायरस के कारण अपनी जान गंवानी पड़ी है। सक्रिय मामलों की संख्या लगातार दूसरे दिन कम होकर 37,04,099 हो गई है।