इलाहाबाद से वाराणसी तक गंगा यात्रा करेंगी प्रियंका गांधी, करेंगी 'नाव पर चर्चा' और 'सांची बात'
कांग्रेस महासचिव और पूर्वी उत्तर प्रदेश की प्रभारी प्रियंका गांधी सोमवार से राज्य में अपने चुनावी अभियान की शुरुआत करने जा रही हैं। अपने अभियान की शुरुआत वह गंगा नदी में नाव यात्रा के साथ करेंगी। उनकी 140 किलोमीटर लंबी यह यात्रा इलाहाबाद से शुरु होकर प्रधानमंत्री मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में खत्म होगी। तीन दिन चलने वाली इस यात्रा के पहले दिन प्रियंका भाजपा की 'चाय पर चर्चा' के जबाव में 'नाव पर चर्चा' करेंगी।
पुलवामा में शहीद हुए जवान के परिजनों से करेंगी मुलाकात
अपनी गंगा यात्रा के दौरान प्रियंका प्रधानमंत्री मोदी की 'मन की बात' के विपरीत 'सांची बात' करेंगी। उनका पहला पड़ाव दुमदुमा घाट होगा। इसके बाद वह सिरसा घाट पर रुकेंगी और वहां पुलवामा के आतंकी हमले में शहीद के परिवार से मिलेंगी। उनका तीसरा पड़ाव लाक्षागृह घाट होगा, जहां वह स्थानीय लोगों और पार्टी कार्यकर्ताओं से मुलाकात करेंगी। सबसे अंत में वह सीतामढ़ी घाट जाएंगी, जहां सीता ने निर्वाण प्राप्त किया था।
'गंगा सच्चाई, समानता और गंगा-जमुनी संस्कृति का प्रतीक'
अपनी गंगा यात्रा से पहले प्रियंका ने रविवार को यूपी के लोगों के नाम खुला खत भी लिखा। इसमें उन्होंने कहा कि वह गंगाजी की सहायता से लोगों के पास पहुंचेंगी और राजनीतिक बदलाव लाने के लिए 'सच्चा संवाद' स्थापित करेंगी। उन्होंने लिखा, 'गंगा सच्चाई और समानता का प्रतीक है। गंगा हमारी गंगा-जमुनी संस्कृति का चिन्ह है। वे किसी से भेदभाव नहीं करती। गंगाजी उत्तर प्रदेश का सहारा हैं। मैं गंगाजी का सहारा लेकर आपके बीच पहुंचूंगी।'
'बहनों' को रखा 'भाईयों' से आगे
प्रियंका ने अपनी रैली की तरह अपने खत की शुरुआत 'प्यारी बहनों और भाईयों' के साथ की है और 'बहनों' को 'भाइयों' से आगे रखा है। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी ने उन्हें पूर्वांचल की जिम्मेदारी दी है, लेकिन उनका राज्य के साथ बहुत पुराना नाता है और यहां राजनीति बदलने के लिए उन्हें कांग्रेस का सिपाही बनाया गया है। उन्होंने आरोप लगाया कि राज्य में युवाओं, महिलाओं, किसानों और मजदूरों को बुरे दिनों का सामना करना पड़ रहा है।
'बिना लोगों की बात सुने नहीं हो सकती राजनीतिक परिवर्तन की शुरुआत'
प्रियंका ने लिखा है, 'मैं इस धरती से आत्मिक रूप से जुड़ी हूं। मैं मानती हूं कि प्रदेश में किसी भी राजनीतिक परिवर्तन की शुरुआत आपकी बात सुने बगैर, आपकी पीड़ा को साझा किए बगैर नहीं हो सकती। इसलिए सीधा आपसे एक सच्चा संवाद करने मैं आपके द्वार पर पहुंच रही हूं।' बता दें कि अपनी यात्रा की शुरुआत से पहले रविवार को प्रियंका ने पार्टी के लखनऊ मुख्यालय में उम्मीदवारों और कई प्रतिनिधिमंडलों से मुलाकात की।
मोदी ने भी लिया था गंगा मां का सहारा
गौरतलब है कि 2014 लोकसभा चुनाव में तब भाजपा के प्रधानमंत्री उम्मीदवार रहे नरेंद्र मोदी ने भी गंगा मां के नाम के सहारे अपने चुनावी अभियान की शुरुआत की थी। मोदी ने कहा था, "न मुझे किसी ने भेजा है, न मैं यहां आया हूं, मुझे तो मां गंगा ने बुलाया है।" ये बातें पूर्वांचल की राजनीति में गंगा के महत्व का दर्शाती हैं। इसलिए यहां चुनावी जीत के लिए 'सॉफ्ट हिंदुत्व' कार्ड कांग्रेस के लिए बेहद जरूरी है।