जेरोधा के नितिन कामथ स्ट्रोक से उबर रहे, जानिए इसके रोगियों के लिए महत्वपूर्ण टिप्स
क्या है खबर?
बीते सोमवार (26 फरवरी) को स्टॉक ब्रोकर जेरोधा के संस्थापक नितिन कामथ ने एक्स पर एक पोस्ट साझा करके बताया कि 6 सप्ताह पहले उन्हें 'माइल्ड स्ट्रोक' आया था।
उन्होंने इसका संभावित कारण पिता का निधन, कम नींद, थकान, डिहाइड्रेशन और ज्यादा वर्कआउट को बताया।
स्ट्रोक तब होता है जब मस्तिष्क में खून और ऑक्सीजन की कमी हो जाती है।
हालांकि, जीवनशैली और आहार में कुछ बदलाव स्ट्रोक के बाद रिकवरी प्रक्रिया में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं।
#1
डाइट में शामिल करें पोषक तत्वों से भरपूर खाद्य पदार्थ
स्ट्रोक से उभर रहे लोगों के लिए ताजे फल और सब्जियों का सेवन करना लाभदायक है क्योंकि ये आवश्यक विटामिन, खनिज और एंटी-ऑक्सीडेंट्स से भरपूर होते हैं।
इसके अतिरिक्त भूरे चावल, जई, क्विनोआ और जौ जैसे साबुत अनाज का चयन करें क्योंकि ये कॉम्पलेक्स कार्बोहाइड्रेट से भरपूर ऊर्जा देने में सहायक है।
इसके साथ ही ओमेगा-3 फैटी एसिड युक्त चीजों का सेवन मस्तिष्क के स्वास्थ्य का समर्थन करने और सूजन को कम कर सकता है।
#2
अल्ट्रा प्रोसेस्ड फूड्स से बनाएं दूरी
अल्ट्रा प्रोसेस्ड फूड्स में परिष्कृत तत्व और कृत्रिम पदार्थ होते हैं और इनका पोषण मूल्य बहुत कम होता है।
इन खाद्य पदार्थों में रासायनिक स्वाद देने वाले एजेंट, मिठास, स्टेबलाइजर्स और रंग होते हैं, जिस वजह से इनका सेवन स्वास्थ्य पर बुरा असर डाल सकता है।
पिज्जा, पेस्ट्री, केक, मीठे पेय, इंस्टेंट नूडल्स, सीरील, कैंडीज, आइसक्रीम, चिप्स, क्रैकर्स और फ्रोजन या रेडी टू मेक खाना आदि अल्ट्रा प्रोसेस्ड फूड्स हैं।
यहां जानिए अल्ट्रा प्रोसेस्ड फूड्स से जुड़ी महत्वपूर्ण बातें।
#3
आसानी से चबने वाली चीजें खाएं
स्ट्रोक से बचे कई लोगों को निगलने में कठिनाई (डिस्फेगिया) का अनुभव होता है, इसलिए उनके लिए भोजन को खुद के लिए अनुकूलित बनाना आवश्यक है।
ये मरीज शुद्ध खाद्य पदार्थों का विकल्प चुन सकते हैं क्योंकि इन्हें चबाने की आवश्यकता नहीं होती है।
इसके अतिरिक्त खाद्य पदार्थों का पेस्ट बनाकर भी स्ट्रोक से उभर रहे लोगों को दिया जा सकता है। साथ ही उनके हाइड्रेशन का भी भरपूर ध्यान रखें।
#4
तनाव को नियंत्रित करने की करें कोशिश
तनाव स्ट्रोक से उभर रहे लोगों की स्थिति को बिगाड़ सकता है, जिस वजह से इसे नियंत्रित करना जरूरी है।
बेशक तनाव उत्पन्न करने वाली परिस्थितियों पर कोई नियंत्रण नहीं होता है, लेकिन कुछ तरीके अपनाकर इस मानसिक समस्या पर काबू पाया जा सकता है।
इसके लिए गहरी सांस वाली एक्सरसाइज का अभ्यास करें, नकारात्मक भावना को खुद पर हावी न होने दें और खुद को खुश करने वाली गतिविधियां करें।
#5
सहायक वातावरण है जरूरी
आहार और जीवनशैली के साथ-साथ स्ट्रोक से उभर रहे लोगों के लिए एक सहायक वातावरण होना जरूरी है।
इसमें व्यक्तिगत आवश्यकताओं के अनुरूप एक व्यापक देखभाल योजना तैयार करने के लिए न्यूरोलॉजिस्ट, फिजियोथेरेपिस्ट, आहार विशेषज्ञ और मानसिक स्वास्थ्य विशेषज्ञों सहित स्वास्थ्य पेशेवरों के समर्थन को शामिल करें।
इसके अतिरिक्त सामाजिक गतिविधियां और भावनात्मक समर्थन भी आपकी स्थिति को सुधार सकता है।