नव-घोषित यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल है शांतिनिकेतन, जानिए यात्रा से जुड़ी महत्वपूर्ण बातें
पश्चिम बंगाल के बोलपुर में स्थित शांतिनिकेतन में नोबेल पुरस्कार विजेता रवींद्रनाथ टैगोर ने विश्व भारती सोसाइटी की स्थापना की थी। इसे हाल ही में यूनेस्को द्वारा विश्व धरोहर स्थल का दर्जा प्राप्त हुआ और यह सम्मान पाने वाला शांतिनिकेतन भारत का 41वां और पश्चिम बंगाल का तीसरा स्थल बन गया। यह अपनी जीवंत कला और संस्कृति के लिए जाना जाता है, इसलिए यहां की यात्रा एक बार जरूर करें। आइए यात्रा से जुड़ी महत्वपूर्ण बातें जानते हैं।
शांतिनिकेतन खास कैसे है?
शांतिनिकेतन परंपराओं, संस्कृति और इतिहास का संगम है। यह वह जगह है, जहां रवींद्रनाथ टैगोर ने अपना अधिकांश समय बिताया है और उनके पिता देवेंद्रनाथ टैगोर भी यहां आध्यात्मिक गतिविधियों में शामिल रहे थे। रवींद्रनाथ टैगोर के समय से ही जाति और धर्म से परे कोई भी व्यक्ति वहां आ सकता था और उनके साथ समय बिता सकता था। इस स्थान पर रवींद्रनाथ टैगोर की निजी चीजें भी हैं, जिनमें उनकी किताबें, पदक, पांडुलिपियां और तस्वीरें शामिल हैं।
शांतिनिकेतन के पर्यटक आकर्षण
शांतिनिकेतन में घूमने के लिए कई आकर्षक जगहे हैं। रवींद्रनाथ टैगोर का आश्रम आपकी यात्रा सूची में जरूर शामिल होना चाहिए। इसके बाद पौष मेला, जो कि एक वार्षिक 3 दिवसीय मेला है। यह दिसंबर-जनवरी के सातवें दिन से लगता है और इसमें कई आनंददायक कार्यक्रम होते हैं। इसके अतिरिक्त रवींद्र भवन संग्रहालय, हिरण उद्यान, खोई मेला, चट्टीमतला और कला भवन आदि भी घूमने योग्य स्थान हैं।
शांतिनिकेतन किस समय जाना सही है?
शांतिनिकेतन जाने का सबसे अच्छा समय सर्द मौसम है, इसलिए अक्टूबर और फरवरी के बीच कभी भी अपनी इस छोटी यात्रा की योजना बनाएं। अगर आप किसी कारणवश उस दौरान नहीं जा सकते हैं तो इस गंतव्य पर जुलाई, अगस्त और सितंबर के महीने में भी जा सकते हैं। उस समय मौसम थाेड़ा कम ठंडा होता है। आपको इसकी पूरी यात्रा करने में लगभग 3 दिन लग सकते हैं, लेकिन ध्यान रखें कि बुधवार को यह बंद होता है।
शांतिनिकेतन कैसे पहुंचे?
शांतिनिकेतन पहुंचने के लिए ट्रेन से यात्रा करना उपयुक्त विकल्प है। फिर चाहें आप दुनिया में कहीं भी हों, कोलकाता के लिए फ्लाइट लें और हावड़ा या सियालदह से बोलपुर रेलवे स्टेशन तक ट्रेन पर चढ़ें। यह शांतिनिकेतन से महज 2-3 किलोमीटर दूर है। अगर आप अपनी निजी कार या फिर टैक्सी से यात्रा करने का विकल्प चुनते हैं तो आपको कोलकाता से शांतिनिकेतन तक पहुंचने में 3 से 4 घंटे लग सकते हैं।
शांतिनिकेतन में जाकर कहां ठहरें?
वहां कई रिसॉर्ट और होटल हैं, जो कम बजट पर शानदार कमरे उपलब्ध कराते हैं। उनमें से कुछ आपके द्वारा बुक किए गए आवास पर मुफ्त रद्दीकरण की भी पेशकश करते हैं। ये रिसॉर्ट और होटल विश्व भारती विश्वविद्यालय के काफी नजदीक स्थित हैं।