केरल का खूबसूरत शहर है इडुक्की, इसके इन 5 पर्यटन स्थलों की जरूर करें यात्रा
केरल में बसा इडुक्की एक शांत और खूबसूरत शहर है। यह तेज झरनों, मंत्रमुग्ध कर देने वाली पहाड़ियों, मसालों के बागानों और वन्यजीव अभयारण्यों से घिरा हुआ है और प्रकृति प्रेमियों के लिए आनंददायक जगह है। प्राकृतिक सुंदरता के अलावा इस जगह में एडवेंचर शौकीनों के लिए भी बहुत कुछ है। आइए आज हम आपको इडुक्की के 5 बेहतरीन पर्यटन स्थलों के बारे में बताते हैं।
इडुक्की वन्यजीव अभयारण्य
इडुक्की के थोडुपुझा और उडुमपंचोला तालुकों में समुद्र तल से 1,272 मीटर की ऊंचाई पर स्थित इडुक्की वन्यजीव अभयारण्य 105 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र में फैला हुआ है। इसमें जानवरों की कई प्रजातियां जैसे बाइसन, मालाबार विशाल गिलहरी, बाघ, जंगली बिल्लियां और सांभर हिरण के साथ-साथ वाइपर, करैत और कोबरा आदि जैसे सांप भी रहते हैं। अभयारण्य के चारों ओर एक सुरम्य झील भी है। यहां जानिए भारत के 5 सबसे खूबसूरत वन्यजीव अभयारण्य ।
थॉम्मनकुथु झरना
इडुक्की में घूमने के लिए सबसे लोकप्रिय स्थानों में से एक थॉम्मनकुथु झरना एक सुंदर झरना है, जो 40 मीटर से अधिक की ऊंचाई से गिरता है। झरनों की सभी 12 शृंखलाएं ऊंचाई में भिन्न-भिन्न हैं और आश्चर्यजनक दृश्य प्रस्तुत करती हैं। हरे-भरे सदाबहार जंगलों से घिरा यह स्थान ट्रैकिंग और प्रकृति के करीब जाने के लिए आदर्श है। अगर आपको ट्रैकिंग पसंद है तो उत्तर भारत की इन 5 जगहों रुख करें।
मंगला देवी मंदिर
समुद्र तल से 1,337 मीटर की ऊंचाई पर पेरियार टाइगर रिजर्व के घने जंगलों में स्थित मंगला देवी मंदिर एक ऐतिहासिक मंदिर है, जो आसपास के परिवेश का अद्भुत दृश्य प्रस्तुत करता है। इस मंदिर की पांडियन वास्तुकला और ऊबड़-खाबड़ पुरानी संरचना इसे इतिहास प्रेमियों के लिए देखने योग्य स्थान बनाती है। इस मंदिर का निर्माण लगभग 2,000 साल पहले प्राचीन तमिलकम राजा चेरा चेंगुट्टुवन ने करवाया था।
सीता देवी झील
समुद्र तल से 1,800 मीटर की ऊंचाई पर स्थित देवीकुलम या सीता देवी झील भगवान राम की पत्नी देवी सीता को समर्पित है। देवीकुलम देवी की झील रामायण की कहानी से जुड़ी हुई है। किंवदंतियों के अनुसार, देवी सीता ने वर्षों तक इस झील में स्नान किया था। अगर आपको फिशिंग करना पसंद है तो आप यहां ट्राउट मछली पकड़ने की कोशिश कर सकते हैं।
गवी
केरल में घूमने के लिए गवी एक ऑफबीट और इको-पर्यटन स्थल है। यह जगह अपने हरे परिवेश और दुर्लभ वनस्पतियों से आपको आश्चर्यचकित कर सकती है। गवी के वन क्षेत्र में दुर्लभ गोफर पेड़ हैं, जो सिर्फ और सिर्फ यहीं पाए जाते हैं। इसमें नेजिया वालिचियाना भी है, जो जिम्नोस्पर्म परिवार की एक स्थानीय किस्म है। गवी वन क्षेत्र में कई दुर्लभ जानवरों की प्रजातियां भी हैं।