बंगाल पंचायत चुनाव: कलकत्ता हाई कोर्ट ने दिया हिंसा की CBI जांच का निर्देश
कलकत्ता हाई कोर्ट ने पश्चिम बंगाल में पंचायत चुनाव के नामांकन के दौरान हुई हिंसा की जांच केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) से करवाने का निर्देश दिया है। हाई कोर्ट ने कहा कि चुनाव से पहले बड़े स्तर पर हिंसा हो रही है और यदि खून-खराबा नहीं रुका तो चुनाव की प्रक्रिया को रोक दिया जाएगा। गौरतलब है कि पश्चिम बंगाल की करीब 75,000 से अधिक पंचायत सीटों पर 8 जुलाई को मतदान होना है।
हिंसा जारी रहने पर चुनाव पर लगानी होगी रोक- हाई कोर्ट
कलकत्ता हाई कोर्ट की जस्टिस अमृता सिन्हा ने बुधवार को नामांकन के बाद उम्मीदवारों के नामों के गायब होने के मामले की सुनवाई करते हुए हिंसा पर नाराजगी जताई। उन्होंने सख्त टिप्पणी करते हुए कहा, "यदि राज्य में हिंसा जारी रहती है तो पंचायत चुनाव को रोकना होगा। पंचायत चुनाव में इतनी हिंसा हो रही है। यह एक राज्य के लिए शर्म की बात है। इतनी अव्यवस्था क्यों है? राज्य चुनाव आयोग क्या कर रहा है?"
बंगाल में की जाएगी केंद्रीय बलों की तैनाती
पश्चिम बंगाल में हुई हिंसा के मद्देनजर कानून और व्यवस्था को बनाए रखने के लिए पंचायत चुनाव के दौरान केंद्रीय बलों की तैनाती की जाएगी, जिसका आदेश भी कलकत्ता हाई कोर्ट ने 15 जून को दिया था। पश्चिम बंगाल सरकार और राज्य चुनाव आयोग (SEC) ने हाई कोर्ट के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की थी। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने याचिका खारिज करते हुए हाई कोर्ट के आदेश को सही ठहराया था।
सुप्रीम कोर्ट ने लगाई थी राज्य चुनाव आयोग को फटकार
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने भी हिंसा की घटनाओं को लेकर मंगलवार को राज्य चुनाव आयोग को फटकार लगाई थी। सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव करवाना राज्य चुनाव आयोग की जिम्मेदारी है। कोर्ट ने कहा था, "हाई कोर्ट ने हिंसा की पिछली घटनाओं को ध्यान में रखते हुए यह फैसला दिया है। अगर हिंसा के कारण लोग नामांकन नहीं करवा पा रहे हैं तो निष्पक्ष चुनाव करवाए जाने के कोई मायने नहीं हैं।"
हिंसा में हुई है कई लोगों की मौत
पश्चिम बंगाल के कई जिलों में हिंसक घटनाएं हुई हैं, जिनमें करीब 8 लोगों की मौत हुई है। मालदा में शनिवार को तृणमूल कांग्रेस (TMC) के नेता की पीट-पीटकर हत्या कर दी गई थी। इससे पहले मुर्शिदाबाद के खरग्राम में कांग्रेस नेता फूलचंद शेख की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। 15 जून को नामांकन के आखिरी दिन बीरभूम जिले के अहमदपुर में खंड विकास अधिकारी (BDO) के कार्यालय पर कथित तौर पर देसी बम फेंके गए थे।