त्वचा का निखार बढ़ाने के लिए रोजाना करें इन पांच प्राणायामों का अभ्यास
निखरी त्वचा खूबसूरती के साथ-साथ अच्छे स्वास्थ्य की भी निशानी है। शायद इसलिए कई लोग अपनी त्वचा पर निखार लाने के लिए तरह-तरह के स्किन केयर प्रोडक्ट्स का इस्तेमाल करने लगते हैं, हालांकि इनसे त्वचा का स्वास्थ्य भी प्रभावित होता है। ऐसे में बेहतर होगा कि आप नियमित तौर पर कुछ प्राणायामों का अभ्यास करें। चलिए फिर आज आपको ऐसे पांच प्राणायामों के अभ्यास का तरीका बताते हैं जो त्वचा को प्राकृतिक रूप से निखारने में मदद कर सकते हैं।
अनुलोम-विलोम प्राणायाम
सबसे पहले योगा मैट पर पद्मासन की मुद्रा में बैठें और फिर अपनी दोनों आंखों को बंद कर लें। अब अपने दाएं हाथ के अंगूठे से नाक के दाएं छिद्र को बंद करके नाक के बाएं छिद्र से सांस लें और फिर अपने दाएं हाथ की अनामिका वाली उंगली से नाक के बाएं छिद्र को बंद करके दाएं छिद्र से सांस छोड़ें। कुछ मिनट इस प्रक्रिया दोहराने के बाद धीरे-धीरे अपनी आंखों को खोलें और प्राणायाम का अभ्यास छोड़ दें।
भस्त्रिका प्राणायाम
सबसे पहले योगा मैट पर सुखासन की अवस्था में बैठकर अपनी दोनों आंखें बंद कर लेँ। अब मुंह को बंद करते हुए नाक के दोनों छिद्रों से गहरी सांस लें और फिर एक झटके में दोनों नाक के छिद्रों के माध्यम से भरी हुई सांस को छोड़े। ध्यान रखें कि सांस छोड़ने की गति इतनी तीव्र हो कि झटके के साथ फेफड़े सिकुड़ जाने चाहिए। कुछ मिनट इस प्राणायाम का अभ्यास करने के बाद धीरे-धीरे सामान्य अवस्था में आ जाएं।
शीतकारी प्राणायाम
सबसे पहले योगा मैट पर किसी आरामदायक मुद्रा में बैठ जाएं। अब जीभ को ऊपर की ओर रोल करें और इसे ऊपरी तालु से लगाएं। इसके बाद दांतों को एक साथ मिलाएं और होठों को अलग रखें ताकि दांत दिखें। अब धीरे से लंबी सांस लें। इस दौरान मुंह से 'हिस' की आवाज उत्पन्न होगी। अब अपने होंठों को आपस में मिलाकर सांस को धीरे-धीरे नाक से छोड़ें। इस प्रक्रिया को लगभग 20-25 बार दोहराएं और फिर प्राणायाम छोड़ दें।
कपालभाति प्राणायाम
सबसे पहले योगा मैट पर पद्मासन की मुद्रा में बैठ जाएं और फिर अपने दोनों हाथों को घुटनों पर ज्ञान मुद्रा में रख लें। इसके बाद अपनी दोनों आंखों को बंद करें और अपने पूरे शरीर को ढीला छोड़कर नाक से गहरी सांस लें। फिर पेट की मांसपेशियों को सिकोड़ते हुए इस सांस को छोड़ें। कुछ मिनट तक इस प्रक्रिया को दोहराते रहें। इसके बाद धीरे-धीरे अपनी आंखों को खोलें और प्राणायाम का अभ्यास बंद कर दें।
भ्रामरी प्राणायाम
सबसे पहले योगा मैट पर पद्मासन की स्थिति में बैठ जाएं। अब अपने दोनों हाथों को कोहनियों से मोड़कर अपने कानों के पास लाएं और अंगूठों से अपने दोनों कानो को बंद करें। फिर हाथों की तर्जनी उंगलियों को माथे पर और मध्यमा, अनामिका और कनिष्का उंगली को बंद आंखों के ऊपर रखें। इसके बाद मुंह बंद करें और नाक से सांस लेते हुए ओम का उच्चारण करें। कुछ मिनट बाद धीरे-धीरे आंखों को खोलें और प्राणायाम को छोड़ दें।