टिट्टिभासन: जानिए इस योगासन के अभ्यास का तरीका, इसके लाभ और अन्य महत्वपूर्ण बातें
क्या है खबर?
टिट्टिभासन दो शब्दों (टिट्टिभ और आसन) के मेल से बना है। इसमें टिट्टिभ का अर्थ एक चिड़िया से है जो जलाशयों के नजदीक पायी जाती है, वहीं आसन का मतलब मुद्रा है।
टिट्टिभासन में हाथों पर शरीर का संतुलन बनाया जाता है और इसके निरंतर अभ्यास से शरीर को ढेरों फायदे मिलते हैं।
अगर आपको इस आसन के बारे में कुछ भी नहीं पता है तो आइए आज आपको इससे जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण बातें बताते हैं।
अभ्यास
टिट्टिभासन के अभ्यास का तरीका
सबसे पहले योगा मैट पर पैरों को फैलाकर बैठ जाएं और अपनी दोनों हथेलियों को अपने दोनों पैरों के बीच में रखें।
अब अपने पूरे शरीर का भार दोनों हथेलियों पर डालते हुए शरीर को जमीन से ऊपर उठाने की कोशिश करें। इस दौरान अपने सिर को सामने की ओर रखें और सामान्य गति से सांस लेते रहें।
इस अवस्था में कुछ मिनट रहने के बाद धीरे-धीरे प्रारंभिक अवस्था में आ जाएं। लगभग तीन-चार बार इस आसन का अभ्यास करें।
सावधानियां
अभ्यास के दौरान जरूर बरतें ये सावधानियां
हाथों में दर्द, कोहनी में चोट और कंधे में कोई समस्या होने पर इस आसन का अभ्यास करने से बचें। इसके अलावा पीठ या पैरों में कोई समस्या हो तो भी इस आसन का अभ्यास न करें।
इसी तरह गर्भावस्था और मासिक धर्म के दौरान महिलाओं को टिट्टिभासन का अभ्यास नहीं करना चाहिए।
अगर किसी को हृदय रोग या फिर सिर से जुड़ी कोई बीमारी है तो वह डॉक्टर की सलाह के बाद ही टिट्टिभासन का अभ्यास करें।
फायदे
टिट्टिभासन के नियमित अभ्यास से मिलने वाले फायदे
अगर आप हर रोज टिट्टिभासन का अभ्यास करते हैं तो इससे पूरे शरीर की मांसपेशियों को मजबूती मिलती है। इससे पेट का ब्लड सर्कुलेशन भी बेहतर होता है जिससे पेट और इसके अंदरूनी तंत्र को मजबूती मिलती है।
इसके अतिरिक्त यह योगासन शरीर के आंतरिक अंगों पर भी सकारात्मक असर डालता है और शरीर में लचीलेपन को बढ़ाता है।
इसी के साथ इस योगासन से पाचन शक्ति को बढ़ाने में काफी मदद मिलती है और इससे दिमाग शांत रहता है।
विशेष टिप्स
टिट्टिभासन के अभ्यास से जुड़ी विशेष टिप्स
अगर आप पहली बार टिट्टिभासन का अभ्यास करने वाले हैं तो योग गुरू की मदद जरूर लें।
असुविधा होने पर इस आसन का अभ्यास न करें और कभी भी अपने हाथों पर अधिक दबाव न डालें क्योंकि इससे चोट लगने का खतरा रहता है।
इस योगासन की शुरुआत में संतुलन बनाना मुश्किल हो सकता है, इसलिए किसी तरह की जल्दबाजी न करें और संतुलन बनाने के लिए दीवार का सहारा लें।