लोगों को हैं योग से जुड़े ये भ्रम, जानिए इनकी सच्चाई
क्या है खबर?
जैसे-जैसे योग लोकप्रिय होता जा रहा है, वैसे-वैसे इससे जुड़े कई भ्रम लोगों के मन में घर करते जा रहे हैं। इन भ्रमों पर लोग आंख बंद कर भरोसा करते हैं और इससे उनके मन में योग की गलत धारणा बनती है।
हालांकि ये भ्रम सच से कोसों दूर हैं और आपको इनकी सच्चाई जरूर पता होनी चाहिए। चलिए आज आपको योग से जुड़े कुछ ऐसे ही भ्रमों के बारे में बताते हैं।
#1
भ्रम- योगाभ्यास के लिए शरीर का लचीला होना जरूरी है
कई लोगों का ऐसा मानना है कि योगाभ्यास के लिए शरीर का लचीला होना जरूरी है, लेकिन यह सिर्फ एक भ्रम से ज्यादा और कुछ नहीं है। इसलिए बेहतर होगा कि आप इस बात पर भरोसा न करें।
वास्तव में योगाभ्यास के लिए इच्छाशक्ति का होना ज्यादा जरूरी है क्योंकि अगर आप नियमित तौर पर ठीक तरह से योगाभ्यास करते हैं तो इससे धीरे-धीरे शरीर खुद ही लचीला हो जाता है।
#2
भ्रम- पुरुषों को योग की जरूरत नहीं होती है
यह भी सिर्फ एक भ्रम है कि पुरुषों को योग की जरूरत नहीं होती है और यह बात बिल्कुल भी सही नहीं है।
योग का अभ्यास हर कोई कर सकता है, फिर चाहें वह कोई पुरुष हो या महिला, बच्चा और बुजुर्ग। रोजाना योगाभ्यास करना इन सभी के स्वास्थ्य के लिए लाभदायक सिद्ध हो सकता है।
इसलिए पुरुष इस भ्रम पर भरोसा न करें और नियमित तौर पर कुछ मिनट योगाभ्यास के लिए निकालें।
#3
भ्रम- योग एक धर्म विशेष की पूजा है
शायद यह सबसे आम भ्रम है क्योंकि ज्यादातर लोग योग को एक विशेष धर्म से जोड़कर देखते हैं, जबकि ऐसा कुछ नहीं है।
सच बात तो यह है कि योग पूजा नहीं बल्कि व्यायाम से जुड़ी एक प्रक्रिया है जिसे दिनचर्या में शामिल करके आप शारीरिक और मानसिक दोनों तरह से स्वस्थ रह सकते हैं।
योग आपके शरीर और मन को अंदरूनी ताकत देता है, इसलिए रोजाना इसका अभ्यास करें।
#4
भ्रम- योगाभ्यास के लिए ज्यादा समय की जरूरत होती है
योग से जुड़ा एक भ्रम यह भी है कि योगाभ्यास के लिए ज्यादा समय की जरूरत होती है, लेकिन यह गलत है।
वास्तव में योगाभ्यास के लिए ज्यादा समय की जरूरत नहीं होती है और इसके लिए 10 मिनट ही काफी हैं। अगर आप रोजाना इतने समय योगाभ्यास करते हैं तो इससे आपको कई सारे स्वास्थ्य लाभ मिल सकते हैं।
इसलिए आप इस भ्रम के चक्कर में आकर योगाभ्यास न करने की गलती न करें।