अधोमुख श्वानासन: जानिए इस योगासन के अभ्यास का तरीका, इससे जुड़ी सावधानियां और अन्य महत्वपूर्ण बातें
क्या है खबर?
अधोमुख श्वानासन एक ऐसा योगासन है जो चार शब्दों से मिलकर बना है। इसमें अधो का अर्थ आगे, मुख का अर्थ चेहरा, श्वान का अर्थ कुत्ता और आसन का अर्थ मुद्रा है।
इसका मतलब जैसे कुत्ता आगे झुककर अपने शरीर को खींचता है, वैसी ही मुद्रा इस योगासन के अभ्यास के दौरान शरीर की बनती है। इसके नियमित अभ्यास से कई स्वास्थ्य लाभ मिलते हैं।
चलिए फिर अधोमुख श्वानासन से जुड़ी महत्वपूर्ण बातें जानते हैं।
अभ्यास
अधोमुख श्वानासन के अभ्यास का तरीका
इसके लिए सबसे पहले योगा मैट पर वज्रासन की मुद्रा में बैठ जाएं। अब सामने की तरफ झुकते हुए अपने हाथों को जमीन पर रखें और गहरी सांस लेते हुए कमर को ऊपर उठाएं। इस दौरान घुटनों को सीधा करके सामान्य रूप से सांस लेते रहें।
इस योगासन में शरीर का पूरा भार हाथों और पैरों पर होना चाहिए और शरीर का आकार 'V' जैसा नजर आना चाहिए।
कुछ मिनट इसी अवस्था में रहने के बाद धीरे-धीरे सामान्य हो जाएं।
सावधानियां
अभ्यास के दौरान जरूर बरतें ये सावधानियां
1) अगर इस योगासन का अभ्यास करते समय आपके हाथों में दर्द या फिर कमर और कंधों में किसी भी तरह की तकलीफ हो तो योगाभ्यास को उसी समय छोड़ दें।
2) उच्च रक्तचाप, शरीर में कमजोरी या माइग्रेन से ग्रस्त लोगों को अधोमुख श्वानासन से बचना चाहिए क्योंकि इससे उनकी समस्या बढ़ सकती है।
3) जिन लोगों को पेट या फिर रीढ़ की हड्डी से जुड़ी कोई बीमारी है तो उनको भी इस योगासन का अभ्यास नहीं करना चाहिए।
फायदे
अधोमुख श्वानासन के नियमित अभ्यास से मिलने वाले फायदे
अधोमुख श्वानासन के नियमित अभ्यास से मिलने वाले फायदों की बात करें तो इससे पूरे शरीर की मांसपेशियों में मजबूती आती है।
इसके अलावा इससे शरीर के लचीलेपन को भी बढ़ावा मिलता है और शरीर का रक्त संचार बेहतर होता है। इसके साथ ही इसका पाचन तंत्र पर भी सकारात्मक प्रभाव पड़ता है।
यह योगासन चिंता और घबराहट जैसे कई तरह के मानसिक विकारों से भी काफी हद तक राहत प्रदान कर सकता है।
महत्वपूर्ण टिप्स
अधोमुख श्वानासन के अभ्यास से जुड़ी विशेष टिप्स
1) अगर आप पहली बार इस योगासन का अभ्यास करने जा रहे हैं तो सबसे पहले इसकी प्रक्रिया को अच्छी तरह से समझ लें और इसके बाद ही अभ्यास करने की कोशिश करें क्योंकि गलत योगाभ्यास परेशानी का कारण बन सकता है।
2) संभव हो सके तो किसी योग शिक्षक की निगरानी में इसका अभ्यास करें।
3) इस योगासन का अभ्यास करने से पहले कुछ हल्की-फुल्की स्ट्रैचिंग एक्सरसाइज कर लें ताकि शरीर में थोड़ा लचीलापन आ सके।