मानसून के दौरान जल-जनित बीमारियों से बचने के लिए अपनाएं ये 5 असरदार तरीके
मानसून का मौसम जहां चिलचिलाती गर्मी से राहत दिलाता है, वहीं इस समय जल-जनित बीमारियों का खतरा भी बढ़ जाता है। बता दें कि दूषित जल स्रोतों में मौजूद सूक्ष्मजीवों या परजीवियों के कारण हैजा, टाइफाइड बुखार, पोलियो, हेपेटाइटिस-A, जिआर्डियासिस और पेचिश जैसी जल-जनित बीमारियां हो सकती हैं। आइए आज हम आपको 5 ऐसे टिप्स देते हैं, जिन्हें आजमाकर आप इन बीमारियों से खुद को बचा सकते हैं।
हाथों को साफ रखें
संक्रमण और बीमारियों से सुरक्षित रहने के लिए साफ-सफाई का ख्याल रखना बेहद जरूरी है। इसके लिए विशेषज्ञ समय-समय पर हाथ धोने की सलाह देते हैं। मानसून के मौसम में भी इस बात का खास ध्यान रखें और शौचालय का उपयोग करने के बाद, खाने से पहले और गंदी या दूषित सतहों के संपर्क में आने के बाद हाथों को एंटी-बैक्टीरियल साबुन से साफ करें। विशेषज्ञों के अनुसार, हाथों को कम से कम 20 सेकंड तक साबुन से धोएं।
साफ पानी का करें सेवन
मानसून हो या कोई अन्य मौसम, संक्रमण और बीमारियों से सुरक्षित रहने के लिए हमेशा साफ पानी का सेवन करें। इसके लिए फिल्टर, RO सिस्टम और अन्य जल शोधन उपकरणों की नियमित रूप से मरम्मत और रखरखाव करवाएं। इस बात का भी ध्यान रखें कि आप जो पानी संग्रहित कर रहे हैं वह शुद्ध और कीटाणुरहित होना चाहिए। इसके साथ ही रोजाना 8-10 गिलास पानी का सेवन करना सुनिश्चित करें।
स्वच्छ भोजन करें
खाने के दौरान भी स्वच्छता का ध्यान रखें। खाने से पहले फलों और सब्जियों को साफ पानी में अच्छी तरह से धोना चाहिए। इसी तरह खाना बनाने से पहले और बाद में भी अपने हाथ अच्छे से धोना याद रखें। इसके अतिरिक्त हमेशा साफ बर्तनों में ही खाने को परोसें। अगर आपको कोई जल-जनित बीमारी है तो विशेषज्ञ खाना पकाने से बचने की सलाह देते हैं।
अपने आस-पास सफाई रखें
अपने आस-पास की जगह को साफ-सुथरा रखें और ऐसे क्षेत्रों से दूर रहें जहां पानी जमा हो। ऐसा पानी प्रदूषित और आपके स्वास्थ्य के लिए खतरनाक हो सकता है। कीटाणुओं से छुटकारा पाने के लिए चादर, तकिए और उनके कवर को हर हफ्ते गर्म पानी से धोएं। साथ ही रोजाना अपने घर को एंटी-बैक्टीरियल सॉल्यूशन से साफ करें और कालीन या फिर रग्स को सप्ताह में कम से कम 2 बार वैक्यूम से साफ करें।
इन बातों का भी रखें ध्यान
हैजा, टाइफाइड और हेपेटाइटिस-A जैसी विभिन्न जल-जनित बीमारियों के बारे में सही जानकारी प्राप्त करें। अगर आपमें इनमें से किसी भी बीमारी के लक्षण हैं तो डॉक्टर से संपर्क करें और उनसे परामर्श लें। यदि आप उच्च जोखिम वाले क्षेत्र में रह रहे हैं तो डॉक्टर से परामर्श करने के बाद जल-जनित बीमारियों के लिए टीकाकरण या बूस्टर लगवाएं। इसके अलावा मच्छरों के काटने से खुद को बचाने के लिए मच्छर निरोधक लगाएं या मच्छरदानी का उपयोग करें।