राष्ट्रीय चंद्रमा दिवस 2023: जानिए इसका इतिहास, महत्व और अन्य महत्वपूर्ण बातें
राष्ट्रीय चंद्रमा दिवस, जिसे अंतरिक्ष अन्वेषण दिवस के रूप में भी जाना जाता है। हर साल 20 जुलाई को अमेरिका के पहले मानवयुक्त मिशन की वर्षगांठ और अंतरिक्ष यात्री नील आर्मस्ट्रांग और बज एल्ड्रिन के चंद्रमा पर उतरने के उपलक्ष्य में मनाया जाता है। इसके अतिरिक्त राष्ट्रीय चंद्रमा दिवस चंद्रमा की खोज के लिए अंतरिक्ष वैज्ञानिकों के योगदान की याद के रूप में भी मनाया जाता है। आइए इस दिवस से जुड़ी महत्वपूर्ण बाते जानते हैं।
क्या है राष्ट्रीय चंद्रमा दिवस का इतिहास?
20 जुलाई, 1969 को नील आर्मस्ट्रांग और बज एल्ड्रिन ने चंद्रमा पर कदम रखकर इतिहास रचा था, इसलिए हर साल इस तिथि को राष्ट्रीय चंद्र दिवस मनाया जाता है। 1960 के दशक में राष्ट्रपति जॉन एफ कैनेडी ने घोषणा की थी कि वह चंद्रमा पर इंसानों को भेजने की तैयारी कर रहे हैं। उस घोषणा के 8 साल बाद अपोलो 11 मिशन हुआ और सफल रहा। इस पहले का जश्न मनाने के लिए भी राष्ट्रीय चंद्रमा दिवस मनाया जाता है।
क्यों महत्वपूर्ण हैं यह दिवस?
इस दिवस न केवल चंद्रमा पर उतरने के बारे में है, बल्कि चंद्र अन्वेषण की दिशा में मानव जाति द्वारा अब तक की गई प्रगति के बारे में भी है। इसके अलावा यह दिन अमेरिका और अन्य देशों द्वारा किए गए चंद्रमा और अंतरिक्ष कार्यक्रमों के बारे में लोगों को जागरूक करने का अवसर भी प्रदान करता है। इस दिन का उद्देश्य अंतरिक्ष से संबंधित गतिविधियों के नियमों की आवश्यकता के बारे में शिक्षित करना और बढ़ावा देना है।
इस बार राष्ट्रीय चंद्रमा दिवस भारत के लिए है खास
इस साल राष्ट्रीय चंद्रमा दिवस की थीम 'चंद्र अन्वेषण, समन्वय और स्थिरता' है, जिसका उद्देश्य चंद्रमा अन्वेषण में अंतरराष्ट्रीय सहयोग के महत्व के बारे में जागरूकता बढ़ाना है। इस बार राष्ट्रीय चंद्र दिवस भारत के लिए एक विशेष अवसर भी है क्योंकि भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने हाल ही में आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से अपने चंद्रयान 3 मिशन को सफलतापूर्वक लॉन्च किया है।
चंद्रयान-3 का दूसरा ऑर्बिट-रेजिंग सफर हुआ पूरा
हाल ही में ISRO ने ट्विट करके यह जानकारी दी है कि चंद्रयान-3 का दूसरा ऑर्बिट-रेजिंग मैनूवर (अर्थबाउंड फायरिंग-2) सफलतापूर्वक पूरा हो गया है। इस चरण के पूरा होने के बाद चंद्रयान अब 41,603 किलोमीटर×226 किलोमीटर ऑर्बिट में पहुंच गया है। बता दें कि अगर सब कुछ योजना के अनुसार रहा तो चंद्रयान-3 40 दिनों की यात्रा के बाद 23 अगस्त को शाम 05:47 बजे चंद्रमा पर लैंड करेगा।