आयुष मंत्रालय ने बताए बरसाती मौसम में फ्लू से बचाने वाले घरेलू नुस्खें, आप भी जानिये
कोरोना वायरस की दहशत दिन-प्रतिदिन बढ़ती जा रही हैं और ऊपर से बारिश का मौसम भी शुरू हो चुका है। ऐसे में खुद को शारीरिक समस्याओं से बचाकर और ज्यादा जरूरी हो गया है। इसी को मद्देनजर रखते हुए हाल ही में आयुष मंत्रालय ने कुछ घरेलू नुस्खें बताए हैं जिससे हर कोई बेहतर तरीके से खुद की देखभाल कर सके और अंदर से मजबूत बन सके। आइये आयुष मंत्रालय द्वारा बताए गए घरेलू नुस्खों पर गौर फरमाएं।
मौसमी समस्या और कोरोना वायरस के लक्षण आपस में काफी ज्यादा हैं मिलते-जुलते
बरसात के मौसम में सबसे ज्यादा फ्लू होने खतरा रहता है जिसके लक्षण और कोरोना वायरस के लक्षण आपस में बहुत मिलते जुलते हैं। इसलिए इनकी सही पहचान बहुत जरूरी है। अगर आपके परिवार में से कोई भी शख्स खांसी-जुकाम, मांसपेशियों में खिंचाव और सांस लेने में परेशानी जैसी समस्याएं हो रही हैं और घरेलू उपचारों की मदद से उसे राहत नहीं मिल पा रही है तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। इन समस्याओं नजरअंदाज करने की गलती न करें।
हल्दी वाले दूध का सेवन
मौसम चाहें कोई भी आमतौर पर घाव लगने पर हल्दी वाले दूध का सेवन करना सही समझते हैं। लेकिन इस बार कोरोना वायरस के खतरे को देखते हुए मंत्रालय ने बरसात के मौसम में रोजाना हल्दी वाला दूध पीने की सलाह दी है क्योंकि यह मिश्रण कई ऐसे गुणों से समृद्ध होता है जो रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूती देकर बीमारियों को शरीर से दूर रखने में मदद करते हैं।
समय-समय पर भाप लेना
बरसात के मौसम में कई लोगों को फ्लू का सामना करना पड़ा है जिससे जुकाम, नाक बंद आदि होना आम है। इन समस्याओं से राहत देने में भाप लेना बहुत फायदेमंद रहता है। यह शरीर को स्वस्थ रखने के लिए एक प्राकृतिक चिकित्सा की तरह काम करती है। इसके लिए गर्म पानी में विक्स या पुदीनहरा डालकर भाप लें। इसके अतिरिक्त गर्म पानी में लौंग का तेल, टी-ट्री ऑयल या लेमन ग्रास ऑयल मिलाकर भी भाप ली जा सकती है।
खान-पान पर विशेष ध्यान देना
मंत्रालय ने बरसाती बीमारियों और कोरोना वायरस से सुरक्षित रहने के लिए खान-पान पर विशेष ध्यान देने की भी सलाह दी है। इस मौसम में जितना संतुलित, ताजा और साधारण भोजन ग्रहण करेंगे उतना बीमारियों से बचे रहेंगे। इसके अतिरिक्त पर्याप्त मात्रा में पानी और फल आदि सेवन करना भी शरीर के लिए बेहतर है। इन सभी चीजों पर ध्यान देने से शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूती मिलती है और बीमारियों से राहत भी।