आयुष मंत्रालय ने बताया वज्रासन का महत्व, जानिए इसके अभ्यास का तरीका और अन्य बातें
क्या है खबर?
कोरोना वायरस को हराने के लिए सबको खुद की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत करने के साथ-साथ अपनी पाचन क्रिया को भी दुरुस्त रखना जरूरी है।
हाल ही में आयुष मंत्रालय ने पाचन क्रिया को दुरुस्त के लिए सोशल मीडिया के जरिए वज्रासन के अभ्यास की सलाह दी है।
इसके नियमित अभ्यास से हर कोई बेहतर तरीके से खुद की पाचन क्रिया को दुरुस्त रखने में सक्षम हो सकता है।
आइए वज्रासन करने का तरीका, फायदे और इससे जुड़ी सावधानियां जानें।
सावधानियां
वज्रासन का अभ्यास करने से पहले इन सावधानियों पर जरूर दें ध्यान
1) अगर आपके घुटनों में कोई समस्या है या हाल ही में घुटने की सर्जरी हुई है तो यह आसन करने से बचें।
2) अगर आपको रीढ़ की हड्डी में किसी तरह की समस्या है तो भी इस आसन को करने से बचें। विशेष रूप से अगर आपके रीढ़ के जोड़ में कोई परेशानी है।
3) बेहतर परिणाम के लिए हमेशा भोजन करने के बाद ही इस आसन का अभ्यास करना सुनिश्चित करें।
टिप्स
अगर आप पहली बार वज्रासन कर रहे हैं तो इन बातों पर जरूर गौर फरमाएं
1) अगर आप पहली बार वज्रासन का अभ्यास करने वाले हैं तो आपको शुरुआत में पैरों में दर्द हो सकता है। ऐसे में व्रजासन को छोड़कर सबसे पहले अपने टखनों, घुटनों और पिंडलियों पर तेल मालिश करें, फिर आसन की शुरूआत करें।
2) शुरुआत में यह आसन धीरे-धीरे करने की कोशिश करें। ऐसा करने से आपको इस आसान को करने से कोई समस्या नहीं होगी।
तरीका
इस से तरीके करें वज्रासन
इस आसन के अभ्यास के लिए घुटनों के बल जमीन पर बैठ जाएं। इस स्थिति में अपने दोनों पैरों के अंगुठों को साथ में मिलाएं और एड़ियों को अलग रखें।
अब अपने नितंबों को एड़ियों पर टिकाकर अपनी हथेलियां को घुटनों पर रखें। इस दौरान अपनी पीठ और सिर को सीधा रखें।
इसके बाद आंखें बंद करके सामान्य रूप से सांस लेते रहें। इस अवस्था में कम से कम 5-10 मिनट तक बैठने की कोशिश करें, फिर सामान्य हो जाएं।
फायदे
नियमित तौर पर वज्रासन के अभ्यास से होते हैं ये फायदे
1) नियमित तौर पर वज्रासन का अभ्यास करने से पाचन ठीक रहता है और कब्ज जैसी कई सामान्य समस्याओं से दूरी बनी रहती है।
2) बेहतर पाचन होने से एसिडिटी और अल्सर की समस्या से बचाव होता है।
3) यह आसन पीठ को मजबूत करता है और पीठ के निचले हिस्से की समस्या और साइटिका की समस्या से राहत दिलाता है।
4) वज्रासन के नियमित अभ्यास से जांघो की मांसपेशियां और पिंडलियां मजबूती होती हैं।