स्वर्ण मंदिर के अलावा अमृतसर के ये 5 स्थान भी हैं शानदार, एक बार जरूर जाएं
भारत के उत्तर-पश्चिमी क्षेत्र में स्थित अमृतसर एक खूबसूरत शहर है और पंजाब का सांस्कृतिक, धार्मिक, यातायात और आर्थिक केंद्र है। सिख धर्म के इतिहास से जुड़ा यह शहर सिखों के सबसे पवित्र मंदिर स्वर्ण मंदिर का स्थान है। आकर्षक किंवदंतियां, धार्मिक संरचनाएं, ऐतिहासिक इमारतें, रंगीन बाजार और स्वादिष्ट भोजन सभी मिलकर इसे एक जीवंत पर्यटन स्थल के रूप में चिह्नित करते हैं। आइए आज हम आपको अमृतसर में घूमने लायक 5 स्थलों के बारे में बताते हैं।
वाघा बॉर्डर
यह भारत और पाकिस्तान के बीच की एकमात्र सड़क सीमा है। हर शाम सूर्यास्त से पहले सीमा एक औपचारिक मैदान में बदल जाती है और पर्यटकों की भीड़ को आकर्षित करती है। यह वह समय है जब दोनों देशों के सैनिक बीटिंग रिट्रीट और चेंज ऑफ गार्ड समारोह में शामिल होते हैं। यह एक दैनिक अभ्यास है जब सीमा के दोनों ओर सैनिकों द्वारा राष्ट्रीय ध्वज को उतारा जाता है। यह प्रथा 1959 से जारी है।
राम तीर्थ आश्रम
राम तीर्थ आश्रम को बहुत पवित्र माना जाता है क्योंकि यहां भगवान राम के पुत्र लव और कुश का जन्म हुआ था। किंवदंतियां के मुताबिक, यहां पर कभी ऋषि वाल्मिकी का आश्रम हुआ करता था। ऐसा माना जाता है कि महान ऋषि ने यहीं पर रामायण लिखना शुरू किया था। आश्रम भले आज नहीं है, लेकिन आप यहां भव्य मंदिर के दर्शन कर सकते हैं। ऋषि वाल्मिकी की 800 किलोग्राम सोने से बनी मूर्ति इस मंदिर का मुख्य आकर्षण है।
महाराजा रणजीत सिंह संग्रहालय
महाराजा रणजीत सिंह खालसा साम्राज्य के पहले महाराजा थे और उन्हीं को समर्पित यह संग्रहालय शहर की सबसे खूबसूरत संरचनाओं में से एक है। जब आप सुंदर लॉन से घिरे इस संग्रहालय के अंदर कदम रखेंगे तो आप ढेर सारी कलाकृतियों और अवशेषों को देख पाएंगे, जो महाराजा के गौरवशाली समय का प्रमाण बने हुए हैं। आप यहां महाराज द्वारा लड़ी गई विभिन्न लड़ाइयों से संबंधित कई लेख और पेंटिंग भी देख सकते हैं।
जलियांवाला बाग
स्वतंत्रता संग्राम की इतनी मार्मिक गाथा बयां करने वाला जलियांवाला बाग के समान शायद भारत में कोई दूसरा स्मारक नहीं है। 6.5 एकड़ में फैला यह सार्वजनिक उद्यान ब्रिटिश सेना द्वारा निहत्थे भारतीयों पर किए गए सबसे जघन्य सार्वजनिक नरसंहार का गवाह था। आज भी आप इस उद्यान की दीवारों के एक हिस्से और उस कुएं पर गोलियों के निशान देख सकते हैं, जिसमें उस दुर्भाग्यपूर्ण दिन कई लोगों ने कूदकर जान दे दी थी।
गोबिंदगढ़ किला
43 एकड़ में फैला गोबिंदगढ़ किला अमृतसर का एक ऐतिहासिक आकर्षण है। कुछ समय पहले तक किला भारतीय सेना के कब्जे में था, लेकिन फरवरी, 2017 से इसे एक जीवित विरासत संग्रहालय के रूप में जनता के लिए खोल दिया गया है। इस स्थान का एक अनूठा आकर्षण शेर-ए-पंजाब है, जो महाराजा रणजीत सिंह के जीवन पर विकसित एक 7D शो है, जो आपको 19वीं शताब्दी में वापस ले जाएगा और एक गहन अनुभव प्रदान करेगा।