अमेरिका में होगा दुनिया के दूसरे सबसे बड़े हिंदू मंदिर का उद्घाटन, जानिए इसकी खासियत
क्या है खबर?
आधुनिक युग में भारत के बाहर निर्मित दुनिया के सबसे बड़े अक्षरधाम मंदिर का उद्घाटन 8 अक्टूबर को अमेरिका के न्यू जर्सी में होने जा रहा है।
राज्य के रॉबिन्सविले टाउनशिप में BAPS स्वामीनारायण अक्षरधाम मंदिर को पूरे अमेरिका के 12,500 से अधिक स्वयंसेवकों ने 12 वर्षों में बनाया है।
यह मंदिर 183 एकड़ में फैला है और इसकी माप 255x345x191 फीट है। इसमें प्राचीन हिंदू धर्मग्रंथों और संस्कृति के अनुरूप 10,000 मूर्तियां भी शामिल हैं।
मंदिर
कंबोडिया के अंगकोर वाट मंदिर के बाद दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा हिंदू मंदिर
BAPS स्वामीनारायण अक्षरधाम मंदिर कंबोडिया के 12वीं सदी के अंगकोर वाट मंदिर के बाद दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा हिंदू मंदिर है। अंगकोर वाट मंदिर अब यूनेस्को विरासत स्थल है। यह आधुनिक युग का सबसे बड़ा हिंदू मंदिर भी है।
मंदिर को अमेरिका में हिंदू संस्कृति और वास्तुकला का अद्भुत आकर्षण माना जा रहा है और मंदिर के महंत स्वामी महाराज के मार्गदर्शन में उद्घाटन के 10 दिन बाद इसे 18 अक्टूबर से आगंतुकों के लिए खोल दिया जाएगा।
आकर्षण
मंदिर की नक्काशी और आकर्षण
इस मंदिर की मूर्तियों, भारतीय वाद्ययंत्रों और नृत्य रूपों की नक्काशी को प्राचीन हिंदू संस्कृति को दर्शाने के हिसाब से डिजाइन किया गया है।
इसमें एक मुख्य मंदिर, 12 उप-मंदिर, 9 शिखर और 9 पिरामिड शिखर शामिल हैं।
इसके अलावा मंदिर के निर्माण में 4 प्रकार के पत्थरों का उपयोग किया गया है, जिनमें चूना पत्थर, गुलाबी बलुआ पत्थर, संगमरमर और ग्रेनाइट शामिल हैं।
ये वास्तुकला को अत्यधिक गर्मी और ठंड से सुरक्षित रखने में मदद कर सकते हैं।
स्वयंसेवको
मंदिर के निर्माण में छात्र से लेकर डॉक्टर और इंजीनियर रहे शामिल
मंदिर में ब्रह्म कुंड भी शामिल है, जो एक पारंपरिक भारतीय बावड़ी है। इसमें भारत की नदियों सहित दुनियाभर के 300 से अधिक जलाशयों का पानी शामिल है।
BAPS अधिकारियों के अनुसार, हजारों स्वयंसेवकों ने मंदिर के निर्माण में लाखों घंटे समर्पित किए। इनमें 18 वर्ष के बाद के सभी आयु वर्ग के छात्रों से लेकर डॉक्टर, इंजीनियर और अन्य पेशों के लोग शामिल हैं।
जानकारी
दुनियाभर के लोगों को हिंदी परंपरा से अवगत कराना है मकसद- BAPS
BAPS स्वामीनारायण संस्था के अक्षरवत्सलदास स्वामी ने समाचार एजेंसी PTI को बताया कि यह उनके आध्यात्मिक नेता स्वामी महाराज का दृष्टिकोण था।
उन्होंने कहा, 'पश्चिमी गोलार्ध में एक ऐसा स्थान होना चाहिए, जो दुनिया के सभी लोगों को जगह दे। जहां लोग आ सकें और हिंदू परंपरा से आधारित कुछ मूल्यों, सार्वभौमिक मूल्यों को सीख सकें।'
उन्होंने आगे कहा, "स्वामी के संकल्प के अनुसार ही यह पारंपरिक हिंदू मंदिर वास्तुकला के साथ बनाया गया है।
संस्था
BAPS क्या है?
BAPS एक आध्यात्मिक और स्वयंसेवक-संचालित संस्था है, जो व्यक्तिगत विकास, विश्वास, सेवा और वैश्विक सद्भाव के मूल्यों के माध्यम से समाज को बेहतर बनाने के लिए समर्पित है।
इसके वर्तमान आध्यात्मिक नेता महंत स्वामी महाराज हैं, जो आध्यात्मिक समानता को बढ़ावा देने के लिए काम करते हैं।
महंत स्वामी महाराज भगवान स्वामीनारायण के छठवें और वर्तमान आध्यात्मिक उत्तराधिकारी हैं।
साल 2016 में प्रमुख स्वामी महाराज के निधन के बाद वह BAPS के अध्यक्ष बने।