हार्मोनल बदलाव से लेकर खराब पाचन: जानिए महावारी के दौरान वजन बढ़ने के 5 प्रमुख कारण
माहवारी यानी पीरियड्स के दौरान वजन बढ़ना सामान्य है। चाहे खराब पाचन हो या हार्मोनल बदलाव, अगर आप महावारी के दिनों में पेट फूला हुआ पाती हैं तो निश्चिंत रहें कि यह एक अस्थायी परिवर्तन है। हालांकि, संभावित कारणों के बारे में जागरूक रहने से इससे बेहतर तरीके से निपटने में मदद मिल सकती है। आइए आज हम आपको महावारी के दौरान वजन बढ़ने के 5 प्रमुख कारण बताते हैं।
वॉटर रिटेंशन
माहवारी के दौरान वजन बढ़ने का एक प्रमुख कारण वॉटर रिटेंशन है। यह मुख्य रूप से मासिक धर्म चक्र के दौरान हार्मोनल उतार-चढ़ाव के कारण होता है। इसमें प्रोजेस्टेरोन और एस्ट्रोजन का स्तर कम हो जाता है और ये 2 हार्मोन शरीर में जल संतुलन को नियंत्रित करते हैं। इसके कारण वजन संतुलित नहीं रहता और विभिन्न अंगों में सूजन आने लगती है। यहां जानिए वॉटर रिटेंशन से राहत दिलाने वाले असरदार घरेलू नुस्खे।
खराब पाचन
इस स्थिति में भी हार्मोनल असंतुलन जिम्मेदार हैं। अनुचित हार्मोनल संतुलन आंत की कार्यक्षमता गति को धीमा कर देता है और इससे पाचन प्रक्रिया प्रभावित हो सकती है। कभी-कभी एस्ट्रोजेन और प्रोजेस्टेरोन हार्मोन में उतार-चढ़ाव पेट में गैस को बढ़ाता है, जिससे सूजन आ जाती है। महावारी से पहले और उसके दौरान होने वाली पेट में ऐंठन भी प्रोस्टाग्लैंडीन हार्मोन जैसे रसायनों के स्राव के कारण हो सकती है।
व्यायाम न करना
ज्यादातर महिलाएं माहवारी के दौरान व्यायाम करना छोड़ देती हैं क्योंकि रक्तस्राव के कारण वे अच्छा महसूस नहीं कर पाती हैं और शरीर सुस्त और आलसी हो जाता है। इसके परिणामस्वरूप शरीर में वसा जमा होने लगती है और वजन बढ़ने लगता है। ऐसे में अपने व्यायाम सत्र को पूरी तरह से छोड़ने के बजाय माहवारी की ऐंठन को कम करने और मांसपेशियों को ऑक्सीजन की उचित आपूर्ति के लिए कुछ श्वास व्यायाम और योग मुद्राओं का अभ्यास करें।
खाने की बढ़ती लालसा
खाने की बढ़ती लालसा और अधिक खाना भी महावारी से पहले और उसके दौरान वजन बढ़ने के कारण हो सकते हैं। सेरोटोनिन-एस्ट्रोजन चक्र इसका मुख्य कारण है। दरअसल, एस्ट्रोजन का स्तर आमतौर पर माहवारी से कुछ दिन पहले बढ़ना शुरू होता है और इससे ठीक पहले गिरता है, जो सेरोटोनिन स्राव को नियंत्रित करता है। कम सेरोटोनिन का स्तर अधिक मीठा और प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थों की लालसा का कारण बनता है, जो वजन बढ़ाने में प्रमुख योगदानकर्ता हैं।
प्रीमेंस्ट्रुअल सिंड्रोम
माहवारी के दौरान वजन बढ़ना प्रीमेंस्ट्रुअल सिंड्रोम (PMS) का लक्षण भी हो सकता है। PMS शारीरिक और भावनात्मक लक्षणों का एक संयोजन है। यह तब होता है जब एस्ट्रोजेनी और प्रोजेस्टेरोन का स्तर अचानक गिर जाता है। हालांकि, जब माहवारी होती है तो PMS के लक्षण कम हो जाते हैं और हार्मोन का स्तर फिर से संतुलित होने लगता है। यहां जानिए प्रीमेंस्ट्रुअल सिंड्रोम से राहत दिलाने वाले तरीके।