सर्दियों के दौरान अपनी डाइट में शामिल करें ये 5 सूपरफूड्स, रहेंगे स्वस्थ
क्या है खबर?
सर्दियों में भरवां परांठा, क्रीमी सूप और गाजर का हलवा जैसे व्यंजन वजन को बढ़ा सकते हैं क्योंकि ये अधिक कैलोरी और फैट्स से युक्त होते हैं।
इसलिए अगर आप वजन प्रबंधन की कोशिश कर रहे हैं तो इन व्यंजन की जगह कुछ सुपरफूड्स को अपनी डाइट में शामिल करें।
इसका कारण है कि वे हाई फाइबर, प्रोटीन, आयरन और कैल्शियम जैसे पोषक तत्वों से भरपूर होते हैं, जो सर्दियों में आपको स्वस्थ और फिट रख सकते हैं।
आइए जानें।
#1
बाजरा
बाजरे में मौजूद प्रोटीन, फाइबर, कैल्शियम और विटामिन्स जैसे आवश्यक पोषक तत्व इसे खास बनाने का काम करते हैं।
यह मैग्नीशियम का भी एक समृद्ध स्रोत है, जो ब्लड प्रेशर और दिल के दौरे के खतरे को कम करने के लिए एक महत्वपूर्ण पोषक तत्व है।
बाजरे से बने व्यंजनों का सेवन पाचन से संबंधित समस्याओं को दूर करने में भी मदद कर सकते हैं।
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#2
ज्वार
ज्वार की खेती भारत में बड़े स्तर पर की जाती है। ये फाइबर, पोटेशियम और फास्फोरस आदि पोषक तत्वों से भरपूर होता है।
पोटेशियम और फास्फोरस खून में खराब कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करने में मदद कर सकता है और हाई ब्लड प्रेशर के साथ-साथ ब्लड शुगर के स्तर को नियंत्रित रखने में सहायक हो सकता है, जबकि फाइबर पाचन के लिए बहुत जरूरी होता है।
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#3
उड़द की दाल
उड़द की दाल में मौजूद कम वसा और कैलोरी पाचन में सुधार कर सकती है, जबकि प्रोटीन और विटामिन-B3 का बेहतरीन स्त्रोत होने के कारण यह हड्डियों को मजबूत करने, ऊर्जा के स्तर को बढ़ाने और तंत्रिका तंत्र को स्वस्थ रखने जैसे काम कर सकती है।
सर्दियों के दौरान आप उड़द की दाल का सलाद, साल्सा और बरिटो जैसे व्यंजन बनाकर खा सकते हैं।
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#4
छोले
छोले में मौजूद फाइबर आपकी भूख, कैलोरी की मात्रा और अस्वास्थ्यकर स्नैकिंग को कम करके वजन घटाने में मदद कर सकते हैं।
इसके अतिरिक्त फाइबर पाचन क्रिया के अंदर एक जेल जैसा पदार्थ बनाने के लिए पानी के साथ मिल जाते हैं।
साथ ही छोले का LDL यानी खराब कोलेस्ट्रॉल के स्तर को भी कम कर सकता है। बता दें कि खराब कोलेस्ट्रॉल हृदय रोग का कारक बनता है।
लाभ के लिए सर्दियों में छोले का सूप बनाकर पीएं।
#5
रागी
रागी में ट्रिप्टोफैन नाम का एक खास एंटी-ऑक्सीडेंट की उच्च मात्रा होती हैं, जो चिंता, तनाव, अवसाद और अनिद्रा जैसे मानसिक विकारों को दूर रखने में सहायक हो सकता है।
आयरन की कमी एनीमिया के प्रमुख कारणों में से एक है और रागी में आयरन की अच्छी-खासी मात्रा मौजूद होती है। यही वजह है कि यह एनीमिया के इलाज में मदद कर सकता है।
इसके अलावा रागी में मौजूद पॉलीफेनोल्स और फाइबर मधुमेह के जोखिम को कम कर सकते हैं।