गर्मी के कारण बढ़ जाता है इन 5 समस्याओं का खतरा, जानिए इनसे निपटने के तरीके
दिल्ली, पंजाब, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, गुजरात और मध्य प्रदेश जैसे कई राज्यों में अधिकतम तापमान 45 डिग्री सेल्सियस को पार कर गया है। बढ़ता तापमान गंभीर स्वास्थ्य जोखिम पैदा कर सकता है और इससे गर्मी से संबंधित विभिन्न बीमारियां हो सकती हैं। ऐसे में न सिर्फ खान-पान बल्कि रहन-सहन तक का खास ख्याल रखना बहुत ही जरूरी हो जाता है। आइए आज हम आपको हीट स्ट्रोक से लेकर घमौरियों जैसी बीमारियों से निपटने के प्रभावी तरीके बताते हैं।
हीट एक्सॉशन
हीट एक्सॉशन शरीर से अधिक मात्रा में पानी और नमक बाहर निकल जाने के बाद होता है। लक्षण: ज्यादा पसीना आना, कमजोरी, ठंड, पीली और चिपचिपी त्वचा, मतली या उल्टी और बेहोशी। बचाव: अगर गर्मी के कारण घबराहट हो तो तुरंत किसी ठंडे स्थान पर चले जाएं। धीरे-धीरे पानी पिएं और एक साथ ज्यादा पानी पीने से बचें। इसके बाद डॉक्टर से संपर्क करें।
हीट स्ट्रोक
हीट स्ट्रोक हाइपरथर्मिया का एक रूप है, जिसमें शरीर का तापमान अचानक से बढ़ जाता है। इससे बेहोश हो जाने का भी खतरा बना रहता है। लक्षण: शरीर का उच्च तापमान (103°F या 39.4°C से ऊपर), गर्म, लाल, सूखी या नम त्वचा, भ्रम और बेहोशी। बचाव: अगर शरीर का तापमान ज्यादा लगे तो तुरंत ठंडी जगह पर जाकर अपने ऊपर पानी डालें और आपातकालीन सेवाओं को तुरंत कॉल करें।
हीट क्रैंप्स
हीट क्रैंप्स तब होते हैं, जबकि शरीर की मांसपेशियों पर गर्मी की प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। लक्षण: मांसपेशियों में दर्द या ऐंठन और चलना-फिरना मुश्किल होना। बचाव: किसी भी तरह की गतिविधि न करें और किसी ठंडी जगह पर बैठ जाएं। इसके बाद स्वास्थ्यवर्धक पेय पिएं। ऐंठन कम होने के बाद कुछ घंटों तक तेजी से की जाने वाली गतिविधियों को करने से बचें। हालांकि, अगर ऐंठन एक घंटे में दूर न हो तो चिकित्सकीय सहायता लें।
घमौरियां
यह समस्या आमतौर पर तब होती है जब ज्यादा उमस हो या ज्यादा टाइट कपड़ों के कारण पसीने के कीटाणु त्वचा को नुकसान पहुंचा दें। लक्षण: घमौरियां गर्मी के मौसम में होने वाली एक त्वचा संबंधी समस्या है जिसमें त्वचा पर छोटे-छोटे लाल रंग के दरदरे दाने हो जाते हैं। बचाव: हल्के कपड़े पहनें और जितना हो सके गर्मी में बाहर न निकलें। खुद को हाइड्रेट रखने की भी हरसंभव कोशिश करें।
डिहाइड्रेशन
गर्मियों में काफी पसीना निकलता है और इसके कारण शरीर में पानी की कमी के साथ-साथ शुगर और नमक के संतुलन में गड़बड़ी भी हो जाती है। इसके परिणामस्वरूप आपको डिहाइड्रेशन की समस्या का सामना करना पड़ सकता है। लक्षण: घबराहट, मतली, उल्टी औरर चक्कर आना। बचाव: रोजाना पर्याप्त मात्रा में पानी का सेवन करें और स्वास्थ्यवर्धक पेय पदार्थों को भी अपनी डाइट में शामिल करें। इसके अलावा मौसमी फल और सब्जियों का भी सेवन करें।