
गर्मी की भीषण लहर पर स्वास्थ्य मंत्री ने की बैठक, प्रभावित राज्यों में टीम भेजेगा केंद्र
क्या है खबर?
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने उत्तर प्रदेश और बिहार समेत कई राज्यों में जारी गर्मी की लहर के मद्देनजर मंगलवार को दिल्ली में एक उच्च स्तरीय बैठक की।
उन्होंने कहा कि गर्मी के कारण सबसे अधिक प्रभावित राज्यों में स्वास्थ्य मंत्रालय, भारतीय मौसम विभाग (IMD) और राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (NDMA) के अधिकारियों की एक टीम भेजी जाएगी।
पिछले कुछ दिनों में भीषण गर्मी और लू की चपेट में आकर 100 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है।
बयान
ICMR को गर्मी से मौतें रोकने का निर्देश दिया- स्वास्थ्य मंत्री
मांडविया ने कहा कि बुधवार को लू प्रभावित राज्यों के मंत्रियों और अधिकारियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग पर चर्चा की जाएगी, जिससे आगे की रणनीति तैयार की जा सके।
उन्होंने कहा कि भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR) को गर्मी की लहर और लू से होने वाली मौतों को रोकने के लिए योजना बनाने के निर्देश दिए गए हैं।
बता दें कि उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड, ओडिशा और पश्चिम बंगाल में सबसे अधिक लोगों की मौत हुई है।
अनुमान
कई राज्यों में जारी रहेगी गर्मी की लहर- IMD
IMD के मुताबिक, अगले 2 दिनों के दौरान पूर्वी उत्तर प्रदेश, बिहार, पश्चिम बंगाल, झारखंड, ओडिशा, छत्तीसगढ़ और तेलंगाना के कुछ इलाकों में गर्मी की लहर जारी रहने की संभावना है। इसके बाद इन राज्यों में लोगों को लू की स्थिति में कुछ राहत मिलने की उम्मीद है।
IMD ने इससे पहले बताया था कि आने वाले दिनों में दिल्ली, पंजाब और हरियाणा में अधिकतम तापमान 40 डिग्री सेल्सियस के पार पहुंच सकता है।
मौत
उत्तर प्रदेश और बिहार में हुई हैं सबसे अधिक मौतें
उत्तर प्रदेश के बलिया जिले में पिछले 5 दिनों में गर्मी और लू की चपेट में आकर करीब 68 लोगों की मौत होने की बात सामने आई है।
इसी तरह बिहार के कई जिलों में तापमान 42 डिग्री सेल्सियस को पार चला गया है और लू की वजह से बीते 2 दिन में करीब 25 लोगों की मौत हो चुकी है। यहां 200 से ज्यादा लोग लू से जु़ड़ी शिकायतों के बाद अस्पताल में भर्ती हैं।
गर्मी
IMD ने मार्च में जताई थी भीषण गर्मी पड़ने की संभावना
बता दें कि IMD ने मार्च में ही देश के कई हिस्सों में भीषण गर्मी पड़ने की संभावना जताई थी।
IMD ने कहा था कि उत्तर-पश्चिमी भारत के कुछ हिस्सों को छोड़कर देश के ज्यादातर हिस्सों में अप्रैल से जून तक अधिकतम तापमान सामान्य से अधिक रहने का अनुमान है।
इस दौरान उत्तर-पश्चिमी, मध्य और पूर्वी भारत के ज्यादातर हिस्सों में भी सामान्य से अधिक गर्मी रहने का अनुमान जताया गया था।