महात्मा गांधी को करीब से जानने के लिए हर भारतीय को पढ़नी चाहिए ये पांच किताबें
क्या है खबर?
देश को आजादी दिलाने में महात्मा गांधी ने अहम भूमिका निभाई और इस दौरान उन्होंने कई ऐसी स्थितियों और घटनाओं का सामना किया, जो उन्हें राष्ट्रपिता का दर्जा दिलाने का कारण बनी।
अगर आप महात्मा गांधी को करीब से जानना या उन्हें अपना प्रेरणास्त्रोत बनाना चाहते हैं तो आपको उन पर आधारित किताबों को जरूर पढ़ना चाहिए।
आइए हम आपको महात्मा गांधी पर आधारित ऐसी पांच प्रमुख किताबों के बारे में बताते हैं।
#1
सत्य के साथ मेरे प्रयोग
यह किताब महात्मा गांधी की जीवनी पर आधारित है और इसके लेखक खुद गांधी हैं।
'सत्य के साथ मेरे प्रयोग' किताब में गांधी ने अपनी विचारधारा, अनुभवों, जिंदगी से मिली सीख आदि पर विस्तार से लेखन किया है।
यह किताब गुजराती में लिखी गई थी, लेकिन अब आपको इसका हिंदी अनुवाद भी ऑनलाइन और ऑफलाइन स्टोर से मिल जाएगा।
बता दें कि साल 1925 से 1929 तक हर हफ्ते नवजीवन मैग्जीन में इस किताब के कुछ पेज छपते थे।
#2
हिंद स्वराज
यह किताब भी महात्मा गांधी ने अपनी मूल भाषा गुजराती में लिखी है। हालांकि, आपको कई नेशनल लाइब्रेरी और ऑनलाइन स्टोर्स से इसके हिंदी अनुवाद वाली किताब भी मिल जाएगी।
'हिंद स्वराज' को साल 1909 में मार्केट में लाया गया था, लेकिन कुछ समय बाद ही ब्रिटिश सरकार ने इस पर पाबंदी लगा दी। इसमें गांधी ने विदेशी सभ्यता-संस्कृति की आलोचना की है।
किताब की विशेषता है कि यह प्रश्न-उत्तर में लिखी गई है और इसमें 20 चैप्टर हैं।
#3
गांधी भारत से पहले
अगर आप गांधी के युवा जीवन के बारे में जानना चाहते हैं तो आपको 'गांधी भारत से पहले' नामक पुस्तक को जरूर पढ़ना चाहिए।
इस किताब को मशहूर इतिहासकार रामचंद्र गुहा ने लिखा है। इस किताब को पढ़ने के बाद आप गांधी के शुरूआती जीवन को और भी करीब से जान पाएंगे।
यह किताब गांधी के जन्म से लेकर उनके दक्षिण अफ्रीका में वकालत करने तक के बारे में काफी कुछ बताती है।
#4
मेरे सपनों का भारत
अगर आप महात्मा गांधी को अपना मार्गदर्शक मानते हैं तो आपको उनके द्वारा लिखी गई 'मेरे सपनों का भारत' नाम की किताब को जरूर पढ़ना चाहिए।
इस किताब में आपको उनकी करीबी बातों और भाषणों से जुड़ी बातें जानने को मिलेंगी।
इस किताब को पढ़ने के बाद आपको इस बात का अंदाजा तो हो ही जाएगा कि गांधी द्वारा देखे गए सपने और विचार 21वीं सदी में भी कितने सार्थक और उपयोगी हैं।
#5
दक्षिण अफ्रीका के सत्याग्रह का इतिहास
महात्मा गांधी ने दक्षिण अफ्रीका में वकालत की शुरूआत की थी और उन्होंने वहां हो रहे लोगों के बीच रंगभेद के खिलाफ आंदोलन किया था, जिस पर उन्होंने एक किताब भी लिखी थी।
उस किताब का नाम 'दक्षिण अफ्रीका के सत्याग्रह का इतिहास' है, जिसे गांधी ने भारत की एक जेल से लिखा था।
इस किताब का प्रकाशन साल 1928 में हुआ था और इसमें गांधी ने बताया कि दक्षिण अफ्रीका में भारतीयों के साथ कैसा व्यवहार किया जाता था।