महामारी के खिलाफ अमेरिका की लड़ाई के लिए सबसे बड़ा खतरा है डेल्टा वेरिएंट- शीर्ष विशेषज्ञ
व्हाइट हाउस के प्रमुख मेडिकल सलाहकार डॉ एंथनी फाउची ने कोरोना वायरस के डेल्टा वेरिएंट को महामारी के खिलाफ अमेरिका की लड़ाई के लिए सबसे बड़ा खतरा बताया है। उन्होंने कहा कि सबसे पहले भारत में मिला यह वेरिएंट अधिक संक्रामक है और संक्रमितों को अधिक बीमार कर रहा है। संक्रामक बीमारियों के विशेषज्ञ फाउची ने बताया कि अमेरिका में मिल रहे कोरोना के 20 प्रतिशत नए मामलों के पीछे इस वेरिएंट का हाथ है।
अमेरिका ने डेल्टा को माना 'वेरिएंट ऑफ कंसर्न'
पत्रकारों से बात करते हुए डॉ फाउची ने कहा, "ब्रिटेन की स्थिति की तरह अमेरिका में भी महामारी के खिलाफ हमारी लड़ाई के लिए डेल्टा वेरिएंट सबसे बड़ा खतरा बना हुआ है। हालांकि, अच्छी खबर यह है कि अमेरिकी वैक्सीनें इस वेरिएंट के खिलाफ प्रभावी हैं। इसका मतलब कि हमारे पास हथियार हैं, जिनकी मदद से हम इस खतरे को कुचल सकते हैं।" बता दें, अमेरिका ने बीते सप्ताह डेल्टा को 'वेरिएंट ऑफ कंसर्न' माना है।
लोगों को गंभीर बीमार बना रहा डेल्टा- फाउची
भारत में तबाही मचाने वाला डेल्टा वेरिएंट पिछले कुछ दिनों से कई देशों में तेजी से फैल रहा है। ब्रिटेन में यह अल्फा को पछाड़कर प्रमुखता से फैलने वाला वेरिएंट बन चुका है और यहां मिल रहे 90 प्रतिशत नए मरीज इसी से संक्रमित पाए जा रहे हैं। फाउची ने कहा कि डेल्टा कोरोना के किसी भी वेरिएंट की तुलना में तेजी से फैल रहा है और यह लोगों को गंभीर रूप से बीमार बना रहा है।
अमेरिका में 15 दिनों में दोगुना हुआ डेल्टा वेरिएंट का प्रसार
डॉ फाउची ने कहा कि दो हफ्ते पहले अमेरिका में कोरोना के 10 प्रतिशत नए मामलों में ही डेल्टा की पुष्टि हो रही थी, लेकिन अब यह संख्या 20 प्रतिशत पहुंच गई है। यह वेरिएंट बच्चों और युवाओं को भी संक्रमित कर रहा है।
विशेषज्ञों ने जताई चिंता
अमेरिका के बेयलर कॉलेज ऑफ मेडिसिन से जुड़े डॉ पीटर होटेज ने कहा, "यह अभी तक का सबसे संक्रामक वेरिएंट है। हमने देखा कि ब्रिटेन में क्या हुआ था, जहां यह पूरे देश में तेजी से फैलने लगा। इसलिए मैं इस बात से चिंतित हूं कि अमेरिका में क्या होगा।" वहीं जॉन्स हॉपकिन्स ब्लूमबर्ग स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ से जुड़े महामारी विशेषज्ञ जस्टिन लेसलर ने कहा कि आने वाले दिनों में संक्रमण के मामले बढ़ सकते हैं।
100 से अधिक देशों में फैल चुका है डेल्टा वेरिएंट
विश्व स्वास्थ्य संगठन का कहना है कि डेल्टा वेरिएंट अब तक दुनिया के 100 देशों में फैल चुका है। अमेरिका, ब्रिटेन, रूस और दक्षिण अफ्रीका समेत कई देशों में संक्रमितों की बढ़ती संख्या के पीछे इसी वेरिएंट को वजह माना जा रहा है। इंडिया टुडे के अनुसार, 29 जून से पहले के चार हफ्तों में सिंगापुर और ब्रिटेन में जितने सैंपलों की जीनोम सीक्वेंसिंग की गई, उनमें से 90 प्रतिशत में डेल्टा वेरिएंट की पुष्टि हुई है।
दुनियाभर में प्रमुखता से फैलने वाला वेरिएंट बन सकता है डेल्टा- WHO
विश्व स्वास्थ्य संगठन बीते सप्ताह कहा था कि 96 देशों में डेल्टा वेरिएंट के मामले दर्ज हो चुके हैं। असल में यह संख्या ज्यादा हो सकती है क्योंकि कई देशों के पास जीनोम सीक्वेंसिंग की क्षमता नहीं है। इनमें से कई देशों में संक्रमितों और अस्पताल में भर्ती होने वाले लोगों की संख्या बढ़ रही है। संगठन ने कहा कि इसकी संक्रामकता को देखते हुए ऐसा लग रहा है कि यह जल्द ही प्रमुखता से फैलने वाला वेरिएंट बन जाएगा।
डेल्टा वेरिएंट ने भारत में मचाई थी तबाही
भारत में अप्रैल-मई के दौरान महामारी की दूसरी लहर ने जमकर तबाही मचाई थी। सरकार के एक अध्ययन में पता चला कि दूसरी लहर के पीछे डेल्टा वेरिएंट मुख्य तौर पर जिम्मेदार था। यह वेरिएंट सबसे पहले महाराष्ट्र में पाया गया था। मार्च से भारत में यह वेरिएंट तेजी से फैलना शुरू हुआ था और अप्रैल तक 60 प्रतिशत कोरोना संक्रमितों की सैंपल में यह वेरिएंट पाया जा रहा था। इस कारण संक्रमितों की संख्या तेजी से बढ़ी।