मेडिकल व्यापारियों को 100 रुपये वाली गोली पर मिलता है 1,000 प्रतिशत से अधिक मुनाफा- NPPA
भारत में मेडिकल दवाइयों का कारोबार करने वाले व्यापारी दवाइयां बेचकर भारी मुनाफा कमा रहे हैं। दवाइयों की कीमत बढ़ने के साथ उनका मुनाफा भी बढ़ता जाता है। यही कारण है कि 100 रुपये कीमत वाली एक गोली पर व्यापारियों को 1,000 प्रतिशत से भी अधिक का लाभ होता है। दवाइयों की कीमतों पर नजर रखने वाले राष्ट्रीय औषधि मूल्य निर्धारण प्राधिकरण (NPPA) की ओर से हाल में किए गए विश्लेषण में यह चौंकाने वाला खुलासा हुआ है।
किस दवा पर होता है कितना मुनाफा?
न्यूज 18 के अनुसार, NPPA की ओर से किए गए विश्लेषण में सामने आया है कि दो रुपये मूल्य वाली गोली पर मेडिकल दुकानदारों को 50 प्रतिशत मुनाफा मिलता है। इसी तरह गोली की कीमत के 15 से 25 रुपये के बीच में होने पर मुनाफा 40 प्रतिशत से अधिक होता है। इसके अलावा 50-100 रुपये प्रति गोली की श्रेणी में आने वाली 2.97 प्रतिशत दवाइयों पर व्यापारियों को 50-100 प्रतिशत के बीच मुनाफा मिलता है।
100 रुपये से अधिक कीमत वाली गोली पर मिलता है 1,000 प्रतिशत मुनाफा- NPPA
NPPA के विश्लेषण में बताया गया है कि 50-100 रुपये प्रति गोली की श्रेणी में आने वाली 1.25 प्रतिशत दवाइयों पर 100-200 प्रतिशत और इसी कीमत वाली 2.41 प्रतिशत दवाइयों पर 200 से 500 प्रतिशत मुनाफा मिलता है। इसके अलावा सबसे महंगी श्रेणी मानी जाने वाली 100 रुपये प्रति गोली की श्रेणी वाली आठ प्रतिशत दवाइयों पर 200-500 प्रतिशत, 2.7 प्रतिशत दवाइयों पर 500-1,000 प्रतिशत और 1.48 प्रतिशत दवाइयों पर 1,000 प्रतिशत से अधिक लाभ होता है।
NPPA ने दवा कंपनियों के प्रतिनिधियों से की चर्चा
इस विश्लेषण को लेकर NPPA के अधिकारियों ने शुक्रवार को देश की बड़ी दवा कंपनियों के प्रतिनिधियों के साथ बैठक कर गैर-अनुसूचित दवाइयों पर व्यापारियों के मुनाफे को युक्तिसंगत बनाने के तरीके पर चर्चा की। अधिकारियों ने कहा कि जबकि गैर-अनुसूचित दवाइयां सरकार के मूल्य नियंत्रण तंत्र तहत नहीं आती हैं। ऐसे में व्यापार मार्जिन युक्तिकरण (TMR) आपूर्ति श्रृंखला में व्यापार मुनाफे को सीमित करके कीमतों को नियंत्रित किया जा सकता है।
मुनाफे को कम करने की है जरूरत- NPPA
NPPA अधिकारियों ने कहा कि देश में गैर-अनुसूचित दवाइयों का वार्षिक कारोबार 1.37 लाख करोड़ से अधिक है, जो देश के फार्मा बाजार के वार्षिक कारोबार का 81 प्रतिशत हिस्सा है। ऐसे में मरीजों को राहत देने के लिए इन दवाइयों पर मिलने वाले असीमित मुनाफे को कम करने की आवश्यकता है। अधिकारियों ने बताया कि दवा कंपनियों के प्रतिनिधियों ने TMR के जरिए दवाइयों पर मिलने वाले मुनाफे को कम करने का भरोसा दिया है।
NPPA ने 2018-19 में कैंसर की 42 दवाइयों के मुनाफे को किया था सीमित
बता दें कि NPPA ने साल 2018-19 में कैंसर के उपचार में काम आने वाली 42 गैर-अनुसूचित दवाइयों के मुनाफे को सीमित कर दिया था। जिसके चलते कीमतों में बड़ी कमी देखी गई थी। इसको लेकर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने भी लोकसभा में कहा था कि NPPA के इस कदम से इन दवाओं के 526 ब्रांडों के अधिकतम खुदरा मूल्य (MRP) में 90 प्रतिशत तक कम हो गई थी। इससे लोगों को राहत मिली थी।
NPPA ने चिकित्सा उपकरणों के मुनाफे को भी सीमित किया
NPPA ने कोरोना महामारी के दौर में पल्स ऑक्सीमीटर, ब्लड प्रेशर मॉनिटरिंग मशीन, नेबुलाइजर, डिजिटल थर्मामीटर और ग्लूकोमीटर जैसे चिकित्सा उपकरणों के मुनाफे को भी 70 प्रतिशत पर सीमित कर दिया था। इस निर्णय को अब 21 जुलाई तक के लिए बढ़ा दिया गया है।