
ADHD क्या है? जानिए इसके कारण, लक्षण और इलाज
क्या है खबर?
अटेंशन डेफिसिट हाइपरएक्टिविटी डिसऑर्डर (ADHD) एक क्रोनिक न्यूरोडेवलपमेंट समस्या है। यह दुनियाभर में लाखों बच्चों को प्रभावित करती है और बढ़ती उम्र के साथ बढ़ती जाती है।
ADHD से ग्रसित लोगों को ध्यान केंद्रित करने, ध्यान बनाए रखने और ऊर्जावान बने रहने में कठिनाई होने लगती है।
जापान के एक शोध के मुताबिक, ADHD का वैश्विक प्रसार 0.1 प्रतिशत से 8.1 प्रतिशत तक है।
आइए आज इस डिसऑर्डर से जुड़ी महत्वपूर्ण बातें जानते हैं।
जानकारी
ADHD क्या है?
ADHD एक क्रोनिक न्यूरोडेवलपमेंट डिसऑर्डर है, जिससे ग्रस्त व्यक्ति के मस्तिष्क के विकास और मस्तिष्क गतिविधियों में सामान्य व्यक्ति के मुकाबले काफी अंतर होता है। इस डिसऑर्डर से जूझने वाले लोगों की एकाग्रता क्षमता, स्थिरता और आत्म-नियंत्रण प्रभावित होता है।
प्रकार
कितने प्रकार का होता है ADHD?
अमेरिकन साइकियाट्रिक एसोसिएशन के डायग्नोस्टिक एंड स्टैटिस्टिकल मैनुअल ऑफ मेंटल डिसऑर्डर के अनुसार, ADHD तीन प्रकार का होता हैं।
पेरडोमिनेंटली हाइपरएक्टिव-इंपल्सिव: इसमें लोग ज्यादातर हाइपरएक्टिव और इंपल्सिव होते हैं।
पेरडोमिनेंटली इनटेंटिव: इससे ग्रस्त लोगों में मुख्य रूप से इनटेंटिवनेंस के लक्षण होते हैं।
कंबाइंड हाइपरएक्टिव-इंपल्सिव और इनटेंटिव: इससे ग्रस्त लोगों में हाइपरएक्टिव, इंपल्सिव और इनटेंटिवनेंस से जुड़े लक्षण नजर आते हैं।
लक्षण
क्या हैं ADHD के लक्षण?
ADHD के सामान्य लक्षणों में बच्चों को ध्यान लगाने में दिक्कत होने लगती है और उनका व्यवहार भी खराब होने लगता है।
इसके अतिरिक्त, कल्पना या ख्यालों में खोएं रहना, चीजें भूलना, बहुत अधिक बोलना या बिलकुल न बोलना और दूसरों के साथ मिलने में कठिनाई होना भी ADHD के लक्षण हैं।
ADHD वाले लोगों के हाथ कपकपाते हैं और वे खुद को काफी कमजोर महसूस करते हैं।
कारण
क्या हैं ADHD के कारण?
ADHD के कारण अभी भी अच्छी तरह से स्पष्ट नहीं हैं। हालांकि, कुछ कारकों का इसके साथ संबंध पाया गया है।
कई शोध से पता चलता है कि ADHD का एक न्यूरोबायोलॉजिकल और आनुवंशिक आधार है।
गर्भावस्था के दौरान तंबाकू का सेवन, बचपन में दर्दनाक मस्तिष्क की चोट, जन्म के समय कम वजन, समय से पहले जन्म, चीनी युक्त खाद्य पदार्थों का अधिक सेवन और अत्यधिक स्क्रीन टाइम ADHD का कारण बन सकता है।
इलाज
क्या है ADHD का इलाज?
ADHD को सही उपचार से नियंत्रित किया जा सकता है। इसके उपचार में आमतौर पर ध्यान केंद्रित करने और कुछ व्यवहार संबंधी रणनीतियां समेत जीवनशैली में बदलाव शामिल होते हैं।
जीवनशैली में परिवर्तन करके ADHD वाले लोगों के लिए एक अनुकूल वातावरण बनाया जा सकता है।
इनमें उनके लिए स्वस्थ दिनचर्या का पालन करना और कार्यों की याद दिलाना शामिल हो सकता है।