जापान में आया 7.2 तीव्रता का शक्तिशाली भूकंप, सुनामी की चेतावनी जारी
जापान के पूर्वोत्तर इलाके में शनिवार दोपहर 7.2 की तीव्रता वाले शक्तिशाली भूकंप से लोग कांप उठे। भूकंप का सबसे अधिक प्रभाव मियागी के इलाकों में देखने को मिला है। राजधानी टोक्यो सहित अन्य क्षेत्रों में भी झटके महसूस किए गए। अभी तक किसी के हताहत होने की कोई खबर नहीं है। अधिकारियों ने तटीय इलाकों के लोगों को सुरक्षित स्थानों पर जाने को कहा गया है। इसी बीच एक मीटर ऊंचाई की सुनामी के चेतावनी जारी गई है।
फुकुशिमा प्रान्त के तट से 60 किलोमीटर दूर था भूकंप का केंद्र
नेशनल सेंटर फॉर सिस्मोलॉजी के अनुसार भूकंप का केंद्र मियागी प्रान्त के समुद्र तट से 60 किलोमीटर (37 मील) की गहराई के साथ प्रशांत सागर क्षेत्र में था। स्थानीय समयानुसार भूकंप सुबह रात 06:26 बजे (भारतीय समयानुसार दोपहर) आया और जापान की राजधानी टोक्यो सहित देश के कई अन्य इलाकों को बुरी तरह से हिलाकर रख दिया। जापान की मीटिरोलॉजिकल एजेंसी (JMA) ने भूकंप के झटके आने के बाद एक मीटर ऊंचाई की सुनामी की एडवाइजरी जारी की है।
भूकंप से बड़े नुकसान की नहीं हुई है पुष्टि
स्थानीय मीडिया के अनुसार भूकंप के बाद मियागी से बड़े नुकसान की कोई तत्काल रिपोर्ट नहीं आई है। इसके अलावा टोहोकू इलेक्ट्रिक पावर कंपनी ने ऐहतियातन ओनागावा परमाणु संयंत्र में कार्य बंद कर दिया है। टोक्यो इलेक्ट्रिक पावर ने कहा कि वह फुकुशिमा दाई-इची पावर स्टेशन की स्थिति की जांच कर रहा है। उसके बाद संचालन पर कोई निर्णय किया जाएगा। इधर अमेरिकी जियोलॉजिकल सर्विस ने भूकंप की तीव्रता 7.0 आंकी है।
2011 में आई सुनामी से प्रभावित रहा था मियागी प्रांत
JMA के अनुसार मियागी प्रांत साल 2011 में भूकंप के बाद आई विनशाकारी सुनामी से खासा प्रभावित रहा था। उस दौरान भूकंप के कारण छह से 10 मीटर ऊंची सुनामी की लहरों ने उत्पात मचाया था। जापान के तटीय इलाकों में बड़े पैमाने पर कहर ढाते हुए तट से 10 किलोमीटर अंदर तबाही हुई थी। इसमें 18 हजार लोगों की मौत हो गई थी। ऐसे में अब इस भूकंप से क्षेत्र में एक मीटर ऊंची सुनामी आने का खतरा है।
13 फरवरी को आया था 7.3 तीव्रता वाला भूकंप
बता दें कि जापान में गत 13 फरवरी को भी 7.3 की तीव्रता वाला शक्तिशाली भूकंप आया था। उस दौरान भूकंप का केंद्र फुकुशिमा प्रान्त के समुद्र तट से 60 किलोमीटर दूरी पर था। उस दौरान भूकंप के तेज झटकों के बाद भी कोई बड़े नुकसान नहीं हुआ था, लेकिन क्षेत्र के करीब 9,50,000 घरों की बिजली सप्लाई बाधित हो गई थी। उस दौरान भी फुकुशिमा दाई-इचि और ओनागावा परमाणु ऊर्जा संयंत्र बड़े नुकसान से बच गए थे।