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हाइड्रोसील से राहत दिलाने में मदद कर सकते हैं ये योगासन, ऐसे करें अभ्यास
हाइड्रोसील से राहत दिला सकते हैं ये योगासन

हाइड्रोसील से राहत दिलाने में मदद कर सकते हैं ये योगासन, ऐसे करें अभ्यास

लेखन अंजली
Oct 19, 2021
06:00 am

क्या है खबर?

हाइड्रोसील पुरूषों को होने वाली बीमारी है और इससे ग्रस्त रोगी के अंडकोष में पानी भरना और सूजन आना जैसी कई समस्याएं होने लगती हैं। अमूमन पुरूषों में यह बीमारी संक्रमण, सूजन, चोट या फिर ट्यूमर के कारण हो सकती है। खैर, वजह चाहें जो भी हो, पुरूष योग की मदद से इस बीमारी से राहत पा सकते हैं। आइए आज कुछ ऐसे योगासनों के अभ्यास का तरीका जानते हैं, जो हाइड्रोसील से छुटकारा दिलाने में मदद कर सकते हैं।

#1

वज्रासन

वज्रासन के अभ्यास के लिए घुटनों के बल योगा मैट पर बैठें। इसी स्थिति में अपने दोनों पैरों के अंगूठों को साथ में मिलाएं और एड़ियों को अलग रखें। अब अपने नितंबों को एड़ियों पर टिकाकर अपनी हथेलियां को घुटनों पर रखें। इस दौरान अपनी पीठ और सिर को सीधा रखें। इसके बाद आंखें बंद करके सामान्य रूप से सांस लेते रहें। इस अवस्था में कम से कम 5-10 मिनट तक बैठने की कोशिश करें, फिर सामान्य हो जाएं।

#2

गरुड़ासन

गरुड़ासन के लिए योगा मैट पर सीधे खड़े हो जाएं। इस दौरान आप सामान्य रूप से सांस लेने की प्रक्रिया जारी रखें। अब पूरे शरीर का संतुलन दाएं पैर पर ले आएं और बाएं पैर को घुटने की पीछे हिस्से के ऊपर ले जाएं। इसके बाद अपनी दोनों बाजुओं को कोहनी से मोड़ते हुए क्रास बना लें और इस मुद्रा में जितनी देर हो सके खुद को बनाकर रखें, फिर धीरे-धीरे आसन छोड़ते हुए प्रारंभिक अवस्था में आ जाएं।

#3

मंडूकासन

मंडूकासन के लिए सबसे पहले योगा मैट पर वज्रासन की अवस्था में बैठ जाएं, फिर अपने दोनों हाथों से मुठ्ठी बनाकर इन्हें अपनी नाभि के पास रख लें। अब सांस छोड़ते हुए आगे की ओर इस तरह से झुकें कि नाभि पर मुठ्ठी का ज्यादा से ज्यादा दबाव पड़े। इस दौरान सिर और गर्दन ऊपर उठाए रखें। धीरे-धीरे सांस लेते और छोड़ते हुए यथासंभव इस स्थिति को बनाए रखें। इसके बाद धीरे-धीरे आसन छोड़ दें और विश्राम करें।

#4

गोमुखासन

गोमुखासन के लिए पहले योगा मैट पर दंडासन की स्थिति में बैठकर अपने दाएं पैर को मोड़ें और इसे बायीं जांघ के ऊपर से ले जाते हुए बाएं नितंब के पास जमीन पर रखें। इसी तरह अपने बाएं पैर को मोड़ते हुए दायीं जंघा के नीचे से दाएं नितंब के पास जमीन पर रख लें। अब अपने दोनों हाथों को कोहनी से मोड़ते हुए पीठ के पीछे आपस में पकड़ने का प्रयास करें। कुछ देर इसी अवस्था में बने रहें।