हृद्य के स्वास्थ्य के लिए बहुत फायदेमंद हैं ये प्राणायाम, इस तरह करें इनका अभ्यास
हृदय शरीर का एक महत्वपूर्ण अंग है और इसका स्वस्थ रहना जरूरी है। हालांकि बिगड़ती जीवनशैली और गलत खान-पान के कारण हृदय का स्वास्थ्य प्रभावित हो रहा है और लोग तरह-तरह के हृदय रोगों की चपेट में आ रहे हैं। ऐसे लोगों के लिए प्राणायामों को अपनी दिनचर्या में शामिल करना लाभदायक हो सकता है। आइए आज ऐसे ही कुछ प्राणायामों के अभ्यास का तरीका जानते हैं, जो हृदय को स्वस्थ रखने में सहायक हो सकते हैं।
भस्त्रिका प्राणायाम
भस्त्रिका प्राणायाम के लिए पहले योगा मैट पर सुखासन की अवस्था में बैठकर अपनी दोनों आंखें बंद करें। अब मुंह को बंद करते हुए नाक के दोनों छिद्रों से गहरी सांस लें और फिर एक झटके में दोनों नाक के छिद्रों से भरी हुई सांस को छोड़ें। ध्यान रखें कि सांस छोड़ने की गति इतनी तीव्र हो कि झटके के साथ फेफड़े सिकुड़ जाने चाहिए। कुछ मिनट इस प्राणायाम का अभ्यास करने के बाद धीरे-धीरे सामान्य अवस्था में आ जाएं।
उद्गीथ प्राणायाम
सबसे पहले योगा मैट पर पद्मासन या सुखासन की मुद्रा में बैठें और अपने दोनों हाथों को घुटनों पर ज्ञान मुद्रा में रख लें। अब दोनों आंखों को बंद करके गहरी सांस लें और इसे धीरे-धीरे छोड़ते हुए ओम का जाप करें। ध्यान रखें की जब आप यह उच्चारण कर रहे हों, तब आपका ध्यान आपकी सांसों पर केंद्रित हो। शुरूआत में इस प्राणायाम का अभ्यास 5-10 मिनट तक करें और फिर धीरे-धीरे समय बढ़ाएं।
कपालभाति प्राणायाम
कपालभाति प्राणायाम के अभ्यास के लिए पहले योगा मैट पर पद्मासन की मुद्रा में बैठें और अपने दोनों हाथों को घुटनों पर ज्ञान मुद्रा में रखें। इसके बाद अपनी दोनों आंखों को बंद करें और अपने पूरे शरीर को ढीला छोड़कर नाक से गहरी सांस लें। फिर पेट की मांसपेशियों को सिकोड़ते हुए इस सांस को छोड़ें। कुछ मिनट तक इस प्रक्रिया को दोहराते रहें। इसके बाद धीरे-धीरे अपनी आंखों को खोलें और प्राणायाम का अभ्यास बंद कर दें।
नाड़ी शोधन प्राणायाम
योगा मैट पर पद्मासन में बैठकर अपने दाएं हाथ की पहली दो उंगलियों को माथे के बीचों-बीच रखें। अब अंगूठे से नाक के दाएं छिद्र को बंद करके नाक के बाएं छिद्र से सांस लें और फिर अनामिका उंगली से नाक के बाएं छिद्र को बंद करके दाएं छिद्र से सांस छोड़ें। इस दौरान अपने बाएं हाथ को घुटने पर ज्ञान मुद्रा में रखें और दोनों आंखें बंद करके अपनी सांस पर ध्यान दें। कुछ देर बाद प्राणायाम छोड़ दें।